Book Title: Namaskar Mantra Author(s): Fulchandra Shraman Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti View full book textPage 4
________________ मन्त्रं संसारसारं, त्रिजगदनुपमं सर्वपापारिमन्त्रम्; संसारोच्छेदमन्त्रं, विषमविषहरं कर्मनिर्मूलमन्त्रम् । मन्त्रं सिद्धिप्रदानं, शिवसुखजननं, केवलज्ञानमन्त्रम्, मंत्रं श्रीजैन-मंत्रं, जप जप जपितं, जन्मनिर्वाण मन्त्रम् ।। संसार में महामन्त्र श्री नवकार सारभूत मन्त्र है. तीनों लोकों में अनुपम है, सब पापों का नाश करनेवाला है, राग द्वेष रूप संसार का उच्छेद करने वाला है, भयंकर विष को हरने वाला है, कर्मों को निर्मूल करनेवाला है, सिद्धियां देने वाला है, कल्याण और सुख का कारण है, केवलज्ञान की प्राप्ति कराने वाला है । अतः हे भव्यो! इस प्रकार की अद्भुत सामर्थ्य वाले परमेष्ठी मंत्र का बारम्बार जप करो। यह नमस्कार महामन्त्र जन्म-मरण के जंजाल से जीबों को मुक्त करनेवाला है।Page Navigation
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