Book Title: Mrutyu Chintan
Author(s): P M Choradia
Publisher: Akhil Bhartiya Jain Vidvat Parishad

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Page 21
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir "और जब मैं दुनिया से मुंह मोड़कर चला जाऊँगा तो मेरा रुख हकीकत की तरफ हो जाएगा, एक ऐसी हकीकत की तरफ, जो हमेशा से चली आ रही है और हमेशा रहेगी।" सुकरात ने कहा “Let us face death as we have faced life courageously. So, be of good, cheer and do not lament my passing. Be quiet and let me die in peace.” महापुरुष और मृत्यु महापुरुष सदैव मृत्यु का अतिथि की तरह स्वागत करते हैं और सदैव उसे सहर्ष स्वीकार करने के लिए तैयार रहते हैं। यहां कुछ महापुरुषों की मृत्यु के सम्बन्ध में विवरण दिया जा रहा है १. हजरत ईसा यश मसीह को फांसी का दण्ड दे दिया गया। फांसी पर चढ़ने के पूर्व आपके ओठों पर मुस्कराहट थी और आपकी जुबान पर यह दुआ थी"ऐ खुदा ! तू जो चाहता है, वही होगा। इन लोगों को माफ करना । ये नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।" २. सुकरात को देवताओं को लांछित करने और युवकों को पथ-भ्रष्ट करने के दोष में मृत्यु-दण्ड सुनाया For Private and Personal Use Only

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