Book Title: Mrutyu Chintan
Author(s): P M Choradia
Publisher: Akhil Bhartiya Jain Vidvat Parishad

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Page 36
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir में कुछ ऐसो प्रथाएँ चल गई हैं जिनका आज के युग में कोई महत्त्व नहीं है। १. पत्नी का बन्द कमरे के कोने में बैठना : पति की मृत्यु का यदि सबसे अधिक दुःख किसी को होता है तो उसकी पत्नी को होता है । यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि उसके जीवन का साया ही उठ जाता है। एक ओर पति की मृत्यु के कारण वह दुःखी है, दूसरी ओर कई महिनों तक बन्द कमरे के एक किनारे कोने में उसे बैठाना, कितना दुखद है। न खाने का समय है, न ही आवश्यक कार्यों का । जब देखो, मिलने वालों का जमघट लगा रहता है। दुःखी को और दुःखी करना कौनसी बुद्धिमानी है ? दुःख के समय मिलने आने वाले लोगों का कर्तव्य है कि वे समय का ख्याल रखें। वे ऐसी कोई चर्चा नहीं करें, जिससे दुःख और बढ़े। माहौल को बदलना चाहिए । धार्मिक एवं वैराग्यमय चर्चाएँ हों। जीवन में सद्गुणों का विकास करने वाली कथाएँ कही जाएँ। ऐसे प्रसंगों पर अच्छा तो यह होगा कि बैठक में कुछ मालाएँ रख दी जाएँ और आने वाले प्रत्येक को अपने-अपने इष्ट देवों का स्मरण करने को कहा जाए। अच्छे वैराग्यपूर्ण भजन के कैसेट भी टेप रिकार्ड से चलाने चाहिए। स्वाध्याय की छोटी-छोटी पुस्तकें जो For Private and Personal Use Only

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