Book Title: Mantung Bharti Author(s): Dhyansagar Publisher: Sunil Jain View full book textPage 15
________________ CH Fi आचार्यश्री मानतुंग विरचित मूल संस्कृत भक्तिप्रधान रचना भक्तामर स्तोत्र हिन्दी पद्यानुवाद, अन्वयार्थ एवं अन्तर्ध्वनि पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी मुनिराज के शिष्य पूज्य क्षु. 105 श्री ध्यानसागर जीPage Navigation
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