Book Title: Mantung Bharti
Author(s): Dhyansagar
Publisher: Sunil Jain

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Page 49
________________ नमिऊण-स्तोत्रम् अर्थ सहयोगी -(मूल) पासह-समरण जो कुणइ संतुढे हियएण। अट्ठत्तर-सय-वाहि-भय नासइ तस्स दूरेण (खणेण] | 240 (जो) जो मनुष्य (संतढे हियएण) संतुष्ट-हृदय से अर्थात् प्रसन्नता-पूर्वक (पासहसमरण) पार्श्व-स्मरण (कुणइ) करता है, (तस्स) उसका (अद्वत्तर-सय-वाहिभय) १०८ व्याधियों संबंधी भय (दूरेण) द्रुत गति से [खणेण] // क्षणमात्र में (नासइ) नष्ट हो जाता है। (1) स्व. श्रीमती शम्भाबाई पत्नी श्री निर्मल बड़कुल, घोड़ा नक्कास, भोपाल (2) स्व. श्रीमती इंद्राणी धर्मपली स्व.श्री वागमल पवैया, जवाहर चौक, भोपाल (3) स्व. श्रीमती आशालता की पुण्य स्मृति में शांतीलाल जैन, सुधीर एवं सुकांत सोगानी (4) कमल कुमार जैन (कारीवाले) (5) संजीव जैन पुत्र श्री स्व. कैलाशचन्द्र जी जैन (6) सत्येन्द्र जैन (अर्पित गारमेन्टस), ललवानी प्रेस रोड़, भोपाल (7) श्रीमती तारा देवी पंत धर्म पत्रि स्व. श्री सिरमल जी पंत अजीत कुमार, अरविन्द कुमार जैन (8) राजीव कठा , लखेरापुरा, भोपाल (9) स्व. श्रीमती संतोष जैन की पुण्य स्मृति में-द्वारा अजय जैन, आदित्य जैन, आदेश जैन, जैनको भोपाल (10) आशीष कुमार जैन पिताश्री भरत जैन (11) सतीषचन्द्र जैन, ठेकेदार, मैनपुरी (12) डॉ. आशा जैन (जबलपुर) (13) जय ट्रेडर्स (नीम वाले) (14) संजय जैन, सत्येन्द्र जैन, पूजा सेल्स, ललवानी प्रेस रोड़, भोपाल (15) मै. लाभमल सागरमल जैन (16) महेन्द्रकुमार संदीपकुमार जैन (पिपरावाले), सिरेमिक प्लाजा, जैन नगर, भोपाल (17) सुरेश चंद जैन संजय जैन, सुबोध जैन (मुंगावलीवाले) (18) नेमीचन्द, प्रदीप कुमार, प्रभात, पवन गोयल, 50 लखेरापुरा, भोपाल (19) श्री योगेश जैन (नरेन्द्र वन्दना) (20) स्व. राजमल जी जैन ( नरपत्या) की पुण्य स्मृति में श्री संजय, सुमेश, सुधीर, संदीप नरपत्या फर्म - मोतीलाल मिठ्ठलाल जैन, लोहा बाजार, भोपाल (21) स्व. डॉ. भूषणचन्द जी जैन की पुण्य स्मृति में श्रीमती गुणमाला जैन एवं सूरज जैन, जैन ट्रेवल्स, छतरपुर (पद्यानुवाद) मुदित-हृदय से जो करे, पार्श्व-स्मरण, स्तुति-पाठ। क्षण में उसके व्याधि-भय, मिटे एक सौ आठ।

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