Book Title: Madhyakalin Gujarati Shabdakosha
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 687
________________ मध्यकालीन गुजराती शब्दकोश ६०१ थोडी शब्दार्थचर्चा थ' एवा अर्थो नोंधे छे. खास करीने पारसीओमां 'अदरावू' शब्द आ अर्थमां प्रचलित छे. मध्यकाळमां 'आदरवु' शब्द ज 'विवाह के सगपण करतुं' एवा अर्थमां प्रयोजायेलो मळे छे. जेमके, आरारा.मां - कुलधर, आदरि म था गमार, (कुलधर, (पुत्रीनो) विवाह कर, गमार न था.) संपादके पण 'सगपण कर' ए अर्थ ज आप्यो छे. गुर्जरा.मां - __ हुं नवि देखी आदरी, आदरी यादवराइ. (यादवराये मारी साथे विवाह करी मने आदरथी जोई नहीं.) संपादकोए योग्य रीते 'betrothed' एवो अर्थ आप्यो छे. चित्तसं.मां 'आदरयु'नो एक विलक्षण प्रयोग मळे छ : जेम चंबुकगिरिनी सत्ताए करी लोहोनौका आवे आवरी. संपादके 'खंचाईने' अर्थ आप्यो छे ते ज आ संदर्भमां बंध बेसे एवो छे. “जेम लोहचुंबकवाळा पर्वतना प्रभावथी लोढानी नौका खेंचाईने आवे...." ४०. करो 'करो' शब्दनो अर्थ 'घरनी बाजुनी दीवाल' एवो सार्थ जोडणीकोश नोंधे छे अने ए अर्थमां ए शब्द प्रचलित छे. नंदब.मां आ शब्द वपरायो छे अने संपादके एनो ए अर्थ ज आप्यो छे. पंक्ति आ प्रमाणे छ : वणीक ते जे नही आकरो, गांम ते जेहमां होये करो. देखीती रीते ज 'करो' शब्दनो उपर्युक्त अर्थ अहीं बंधबेसतो थतो नथी. करो घरने होय, गामने नहीं; अने घरने करो होय ज, पछी करो के करावाळु घर होय तेने ज गाम कहेवाय एम कहेवानो कई अर्थ खरो ? वस्तुतः राजस्थानी कोश 'करौ' शब्द 'किसान'ना अर्थमां नोंधे छे. अहीं ए अर्थ बराबर बंध बेसे छे : "जेमां खेडूत वसतो होय ते ज गाम." ४१. खगां, खगमंडल, खगाकार 'खग' शब्द आपणे 'पंखी'ना अर्थमां ज लईए छीए. 'ख' एटले आकाश, एमां गति करे ते 'खग'. पण देश्य 'खग' शब्द 'आकाश'ना अर्थमां छे अने ए मध्यकालीन गुजरातीमां प्रचलित होवानु जणाय छे. जेमके, वेताप.मां - डोले खगमंडल चित.... Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716