Book Title: Madhyakalin Gujarati Shabdakosha
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 694
________________ थोडी शब्दार्थचर्चा ६०८ मध्यकालीन गुजराती शब्दकोश अहीं ' ने उसंकल थर्बु' एवो प्रयोग छे ते नोंधपात्र छे. संपादके 'ऋण चूकवq ते' एवो अर्थ आप्यो छे, जे बराबर छे. (१९) नलरा.मां पोताना हाथने डसनार नागने नल कहे छे - दूधदायकनइ डसीइ किम ?, उसीकल थयु मझ करी इम ! (७५८) (जेणे दूध पायें एने केम इसाय ? तें मने आवी रीते बदलो वाळ्यो !) 'ऋणमुक्त थयो' करतां 'बदलो वाळ्यो' ए वधारे संगत लागे छे. संपादके 'आभारी' अर्थ आप्यो छे, जे खोटो छे. (२०) ऐतिरा. अंतर्गत कीर्तिसागरशिष्यकृत 'भीम चोपाई मां - - सोवन बराबर तोलइ जोय, खंधि करी करै तीरथ कोय, इंद्रमाल पहेरावे माय, गुणउसंकल तोइ न थाय. (१५२) (माताने इंद्रमाळ पहेरावे तोये एना गुण-उपकारना भारमाथी मुक्त न थवाय / एना गुण-उपकारनो बदलो न वळे.) संपादके 'गुणनी भरपाई' एवो अर्थ आप्यो छे. आ संदर्भमां जुओ आ पूर्व (१) 'उपकार-उसीकल' तथा (१६) 'लूंण-ओसीकल'. (२१) दशस्कं(१).मां कृष्ण तरीके अवतार लई रहेला विष्णु शेषने पोताना ज्येष्ठ भ्राता - बलराम - तरीके अवतरवा कहे छे - विष्णु कहे, “रामा-अवतारे तमो कीधी सेवा सबळ रे; आ वारे कनिष्ठ थई सेवू, थाउं तमने ओसींगळ रे" (८, २२) (रामावतारमा तमे - नाना भाई लक्ष्मण बनी - मारी घणी सेवा करी हती. आ वखते हुं नानो भाई बनी तमारी सेवा करुं अने तमने बदलो वाळू / तमारा ऋणमांथी मुक्त थाउं.) संपादके 'ऋणमुक्त' अर्थ आप्यो छे. २२. सिंहा(शा).मां ब्राह्मण पुत्र मेळववा माटे शिवनी अपार भक्ति करे छे, पछी - - शिव तो थया अति आकला, "एहमें सुअ अपाय, पांचसे पुत्र ज आपतां, उशंकल न थाय." (२०, ३०) (एने शुं आपq ? पांचसो पुत्र आपतांये एनी भक्तिनो बदलो न वळे.) संपादके 'ऋणमुक्त' अर्थ आप्यो छे, एने थोडो खेंचीने बेसाडी शकाय, पण 'बदलो वळवा'नो अर्थ साहजिक रीते बेसे छे. . (२३) एमां ज, पापोनी यादी वर्णवतां - नीवांण पुरावें, विष-स्युं वेर, पाडोसी उपर राखें झहेर, गोडे वाडी लीली घणी, उसंकल न करे विद्या भणी. (१९, ४७२) ___Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716