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अतिशय क्षेत्र चांदपुर __अतिशय क्षेत्र चांदपुर उ.प्र. के ललितपुर जिले में स्थित है। यह तीर्थ-क्षेत्र ललितपुर जिले के पाली गांव से 10 किमी. दूर स्थित है। ललितपुर देवगढ़ सड़क मार्ग पर स्थित जाखलौन तिराहे से भी यहां जाने के लिए सड़क मार्ग है। यहां से भी यह तीर्थ-क्षेत्र लगभग 10 किमी. दूरी पर स्थित है। झांसी-बीना सैक्सन पर जाखलौन या धोर्रा रेल्वे स्टेशनों पर उतरकर भी इस अतिशय क्षेत्र पर पहुँचा जा सकता है। जाखलौन व धोर्रा रेल्वे स्टेशनों से इस क्षेत्र की दूरी 5.5 किमी. है।
यह तीर्थ-क्षेत्र सुरम्य पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य मनमोहक प्रकृति की गोद में स्थित है। यह तीर्थ-क्षेत्र 50 वर्ष पूर्व ही प्रकाश में आया है। इसे पहले चारों ओर घने वन से घिरा होने के कारण यह अज्ञात था। पाली के कुछ लोग अवश्य इसे जानते थे व कभी-कभी दर्शन करने जाया करते थे। इस तीर्थ-क्षेत्र पर अनेक मनमोहक जैन तीर्थंकरों की प्रतिमायें भी थी; जो पालीवासियों के अनुसार पुरातत्व विभाजक अधिकारी शासकीय संग्रहालय ले गये थे। इस तीर्थ-क्षेत्र पर एक अतिप्राचीन जिनालय स्थित है। जिसके चारों ओर खंडहर फैले हुए हैं। ये खंडहर इस बात के प्रतीक हैं कि कभी यहां घनी बस्ती थी। प्राचीन शिखरबद्ध जिनालय में यहां 22 फीट ऊँची भगवान शान्तिनाथ की मनोज्ञ प्रतिमा कायोत्सर्ग मुद्रा में विराजमान है। प्रतिमा अत्यन्त सुंदर व शान्तिप्रदायक है। प्रतिमा के शीर्ष भाग पर पाषाण के तीन छत्र बने हुए हैं।
मुखमंडल के चारों ओर विशाल आभामंडल बना हुआ है। आकाश में गंधर्व देव पुष्पमालाएं लिये भगवान की ओर बढ़ रहे हैं। नीचे चामरधारी इन्द्र भगवान की सेवा में खड़े हैं। प्रतिमा देशी पाषाण की है। पादमूल में बना हिरण का चिह्न इस बात का प्रतीक व साक्षी है कि यह भगवान शान्तिनाथ की शान्ति-प्रदायक भव्य प्रतिमा है। दर्शन कर श्रद्धालु धन्य हो जाता है। भगवान शान्तिनाथ का ऐसा पृथक जिनालय थूबौन एवं देवगढ़ में ही है। अन्यथा शान्तिनाथ, कुंथुनाथ व अरहनाथ की प्रतिमाओं वाले जिनालय ही अधिक देखने को मिलते हैं। इस उपेक्षित तीर्थ-क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
मध्य-भारत के जैन तीर्थ - 101