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42. सुपार्श्वनाथ जिनालय- इस जिनालय में मूलनायक के रूप में भगवान सुपार्श्वनाथ की प्रतिमा विराजमान है। यह प्रतिमा मनमोहक है। ___43. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय में मूलनायक भगवान चन्द्रप्रभु की प्रतिमा आसीन है। ___44. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय में मूलनायक भगवान चन्द्रप्रभु की प्रतिमा के अतिरिक्त 2 अन्य प्रतिमायें भी विराजमान हैं। ___45. बाहुबली जिनालय- इस जिनालय में केवली भगवान प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ के पुत्र बाहुबली स्वामी की प्रतिमा विराजमान है।
46. अरहनाथ जिनालय- यह जिनालय तालाब के दूसरे छोर पर स्थित है; जिसमें प्राचीन पाषाण निर्मित चौमुखी भगवान अरहनाथ की प्रतिमायें स्थापित हैं। इन्हें सर्वतोभद्र प्रतिमायें भी कहते हैं। ये लगभग 1 फीट अवगाहना वाली हैं। प्रतिमाओं के शिरोभाग के पार्श्व में चमर लिये इन्द्र खड़े हैं। एक प्रतिमा के नीचे सर्प भी बना है व दोनों ओर धरणेन्द्र-पद्मावती की प्रतिमायें उत्कीर्ण हैं। यह प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की प्रतीत होती है।
47. सुपार्श्वनाथ जिनालय- इस जिनालय में प्रभावोत्पादक 9 फणी भगवान सुपार्श्वनाथ की प्रतिमा विराजमान है। यह पद्मासन मूर्ति है व संगमरमर निर्मित है। अन्य तीर्थंकर प्रतिमायें भी वेदी पर विराजमान हैं। .. 48. आदिनाथ जिनालय- इस जिनालय में भगवान आदिनाथ की प्रतिमा मूलनायक के रूप में विराजमान है। इसके अतिरिक्त पार्श्व भागों में दो पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमायें भी विराजमान हैं।
49. आदिनाथ जिनालय- इस जिनालय में भगवान ऋषभदेव मूलनायक हैं। पार्श्व भागों में नेमिनाथ भगवान की दो अन्य प्रतिमायें भी वेदिका पर आसीन है।
50. ऋषभनाथ जिनालय- यह एक बड़ा व भव्य जिनालय है; जिसमें मूलनायक भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा के अतिरिक्त अन्य अनेक तीर्थंकर प्रतिमायें भी वेदिका पर विराजी है। ... 51. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय में मूलनायक भगवान चन्द्रप्रभु की प्रतिमा के अतिरिक्त 6 अन्य तीर्थंकर प्रतिमायें भी आसीन हैं।
52. महावीर जिनालय- इस जिनालय में श्वेत वर्ण की लगभग 3.25 फीट अवगाहना की भगवान महावीर स्वामी की पद्मासन प्रतिमा मूलनायक के रूप में विराजमान है; जो सं. 1939 में प्रतिष्ठित है। और भी अनेक तीर्थंकर प्रतिमायें इस भव्य जिनालय में विद्यमान हैं। ___53. महावीर जिनालय- इस जिनालय में मूलनायक भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा के अतिरिक्त भगवान मुनिसुव्रतनाथ व भगवान शीतलनाथ की प्रतिमायें भी विराजमान हैं।
108 - मध्य-भारत के जैन तीर्थ