Book Title: Lokprakash Ka Samikshatmak Adhyayan Author(s): Hemlata Jain Publisher: L D Institute of Indology View full book textPage 4
________________ प्रकाशकीय उपाध्याय श्री विनयविजयजी विरचित लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन ग्रंथ प्रकाशित करते हुए हमें अत्यंत आनन्द हो रहा है । प्रस्तुत ग्रंथ पू. विनयविजयजी की एक यशस्वी कृति है । इसमें द्रव्यलोक, क्षेत्रलोक, काललोक एवं भावलोक के रूप में जैनधर्म के प्रायः सभी पदार्थों का समावेश किया है। इस ग्रंथ को आधार बनाकर डॉ. हेमलता जैन ने समीक्षात्मक अध्ययन किया था। इसमें डो. हेमलता जैन ने श्वेताम्बर एवं दिगम्बर दोनों परम्पराओं के ग्रंथों का उपयोग करके तुलनात्मक एवं समीक्षात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया है अतः लोकप्रकाश के अध्येताओं को यह ग्रंथ अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा । इस अवसर पर हम डो. हेमलता जैन को धन्यवाद देते है । हमें आशा है कि प्रस्तुत ग्रंथ जिज्ञासुओं को लाभकर्ता होगा । प्रस्तुत ग्रंथ के प्रकाशन कार्य में सहयोग करने वाले सभी सहकर्मी का मैं आभारी हूँ । जितेन्द्र बी. शाह २०१४, अहमदाबादPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 422