Book Title: Kuvalaymala Part 03
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust
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(३८९)
1 अवि य ।
कीरउ भोग- पसंगो जइ किर देहम्मि जीवियं अचलं ॥ 3 अह उड्डिऊण काओ पडिहिइ णडवेडयं अण्णं ।। पावं काऊण पुणो लग्गइ धम्मम्मि सुंदरो सो वि 5 सा वि स च्चिय णरवर जा एइ पहाय - समयम्मि || मा अच्छसु संसारे णिच्चितो वीर बीह मच्चुस्स । 7 मयरेण सह विरोहो वासं च जलम्मि णो होइ ।।
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भोग-तिसिओ वि जीवो पुण्णेहिं विणा ण चेय पावेइ | 9 उट्ठो जइ परिओ च्चिय पंगुरिओ भणसु सो केण ।। धम्मं ण कुणइ जीवो इच्छइ धम्मप्फलाइँ लोगम्मि । ण य तेल्लं ण य कलणी वुड्ढे तं पयसु वडयाई ।। जो कुणइ तवं इहइं सो पर-लोए सुहाइँ पावेइ । जो सिंचइ सहारे सो साउ - फलाइँ चक्खेइ || जइ इच्छसि परलोगो इह णत्थि अहइँ णवर ण परं । 15 दोल्लेतस्स य णरवर अवस्स किर णासए एक्कं ।। जो अलसो गेहे च्चिय धम्मं अहिलसइ एरिसो पुरिसो । वडवड-मुहम्मि पडिया भाउय - मज्झम्मि तं भणसु ॥ इय वीर पाव-भोए भोत्तुं णरयम्मि भुंज दुक्खं । 19 खासि करंब णरवर विडंबणं कीस णो सहसि ।।
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(३८९) एवं च पुणो चउत्थ-1 - दियह-राईए पभाय- समए णिसुयं 21 पढिज्जमाणं । जय महारायाहिराय - सेविय,
जाणामि कमल-मउए चलणे एयाण तुज्झ जुयईण ।
2) P भोय, J कीर for किर, P अयलं. 3) JP पडिहिति, P नडवेयडं. 5) J एति पभाय, P कालंमि for समयम्मि. 6) J विब्भ for बीह. 7) J वासो, Jom. च, P किं for णो. 9) P उद्घो वत्थविहिओ केण सो भणसु for the second line उट्ठो जइ etc. 10) J लोअम्मि. 11 ) P वयडाई. 13) J जो किर धावइ णरवर सो खायइ मोरमंसाई for the second line जो सिंचइ etc., p से for सो, P नरवेइं for चक्खेइ. 14) J परलागो णत्थि अह इहं ण परं । दोलंतस्स, P इह इहं नवरं न य तेल्लं 1. 16) P अहिसइ. 17) J पडया, J मज्झं पि तं भणया ||. 18) J भोच्छिसी for भुंजए. 19) J विलंबयं कीसु णो सहसि. 21 ) J जय महाराजाहिराजसेविय. P जुवईण.
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