Book Title: Kuvalaymala Part 03
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 240
________________ (४३०) २३७ 1 एयाइँ जो ण-याणइ सो वि हु वाएउ पोत्थयं घेत्तुं । एत्थं चिय अह णाहिइ कइणो णिउणत्तण-गुणेण ।। 3 जो सज्जणो वियड्डो एसा रामेइ तं महालक्खं । जो पिसुण-दुब्वियड्ढो रस-भावं तस्स णो देइ ।। 5 जीएँ मह देवयाए अक्खाणं साहियं इमं सव्वं । तीए च्चिय णिम्मविया एसा अम्हे मिसं एत्थ ।। 7 दियहस्स पहर-मेत्ते गंथ-सयं कुणइ भणसु को पुरिसो । हियय-गया हिरि-देवी जइ में लिहंतस्स णो होइ ।। 9 पउमासणम्मि पउमप्पभाए पउमेण हत्थ-पउमम्मि । हियय-पउमम्मि सा मे हिरि-देवी होउ संणिहिया ।। 11 जइ किंचि लिंग-भिण्णं विभत्ति-भिण्णं च कारय-विहीणं । रहसेण मए लिहियं को दोसो एत्थ देवीए ।। 13 उज्जुय-पय-गमणिल्ला सरलुल्लावा य भूसण-विहणा । दुग्गय-बाल व्व मए दिण्णा तुह सुयण-णेहेण ।। 15 णेह देज्ज इमीए खलिय छाएज्ज वयणय पुलए । अहवा कुलस्स सरिसं करेज हो तुज्झ जं सुयणा ।। दंसिय-कला-कलावा धम्म-कहा णेय-दिक्खिय-णरिंदा । इह लोए होइ थिरा एसा उसभस्स कित्ति व्व ।। 19 (४३०) अत्थि पुहई-पसिद्धा दोण्णि पहा दोण्णि चेय देस त्ति । तत्थत्थि पहं णामेण उत्तरा बुह-जणाइण्णं ।। 21 सुइ-दिय-चारु-सोहा वियसिय-कमलाणणा विमल-देहा । तत्थत्थि जलहि-दइया सरिया अह चंदभाय त्ति ।। 1) Jom. हु, P पोत्थया. 2) J णाहिति, P नाइं हइ, J कइणो हिउ णिउणत्तण. 4) P नो होइ for नो देइ. 5) P जाए for जीए. 7) J कुणउ. 8) J जइ मि लिहं॰, P जइ संलिहियं तस्स, J देइ for होइ. 9) J पउमंमिआए for पउमप्पभाए. 11) P विहत्ति. 13) P adds निरलंकारा य after गमणिल्ला, P सरलउल्लावा, P om. भूसण विहूणा. 14) P om. बाल व्व, P तुह सयण. 16) P करेज्ज जं तुज्झ हो सुयणु. 17) P कलावो धमक्खाणेय. 18) P लोय, P om. होइ. 19) P om. two verses अत्थि पुहई etc. to चंदभाय त्ति. 20) J adds वहं after उत्तरा. 17

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