Book Title: Kuvalaymala Part 03
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 236
________________ (४२७) २३३ । अह पुव्व-पओएणं बंधण-खुडियत्तणेण उड्व-गई । __ लाउय-एरंड-फले अग्गी-धूमे य दिट्ठता ।। 3 ईसीपब्भाराए पुहईए उवरि होइ लोयंतो । गंतूण तत्थ पंच वि तणु-रहिया सासया जाया ।। 5 णाणमणत ताणं दसण-चारित्त-वीरिय-सणाहं । सुहमा णिरंजणा ते अक्खय-सोक्खा परम-सुद्धा ।। 7 अच्छेज्जा अब्भेज्जा अव्वत्ता अक्खरा णिरालंबा । परमप्पाणो सिद्धा अणाय-सिद्धा य ते सव्वे ।। 9 सा सिवपुरि त्ति भणिया अयला स च्चेय स च्चियापावा । से तं दीवं तच्चिय तं चिय हो बंभ-लोयं ति ।। 11 खेमंकरी य सुहया होइ अणाउ त्ति सिद्धि-ठाणं च । अववग्गो णेव्वाणं मोक्खो सोक्खो य सो होइ ।। 13 तत्थ ण जरा ण मच्चू ण वाहिणो णेय सव्व-दुक्खाई। अच्चंत-सासयं चिय भुंजंति अणोवमं सोक्खं ।। 15 एत्थ य कहा समप्पइ कुवलयमाल त्ति जा पुरा भणिया । दक्खिण्ण-इंध-बुद्धी-वित्थारिय-गंथ-रयणिल्ला ।। 17 (४२७) पणय-तियसिंद-सुंदरि-मंदार-गलिय-मयरंदं । जिण-चलण-कमल-जुयलं पणमह मुहलालि-संगीयं ।। 19 पढम चिय णयरी-वण्णणम्मि रिद्धीओ जा मए भणिया । धम्मस्स फलं अक्खेवणि त्ति मा तत्थ कुप्पेज्जा ।। 21 जं चंडसोम-आई-वुत्तंता पंच ते वि कोधाई। संसारे दुक्ख-फला तम्हा परिहरसु दूरेण ।। 2) J एरंडहलं. 4) P has संजया twice for सासया. 7) P अच्छज्जा अकया निरालंबा ।. 8) P अणायसुद्धा. 9) P स च्चिय अणाहा ।. 10) J तद्दीवं, P om. तच्चिय. 11) J होउ for होइ. 12) P अपवग्गो. 13) P नेय दुक्खसव्वाइं ।. 14) J सासतं, P adds य after चिय. 16) J दिक्खिण्ण०, P बुधी. 17) P पणयसुरसिद्धसुंदरि, P मंदारमलिय. 18) P जिणचयण. 19) P चिय नगरी, J वण्णणंति, P वण्णाणंमि. 21) JP आती for आई, J कोधाती P कोहाती. 22) J संसार.

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