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'सं० १५०३ वैशाख सुदि प्रतिपत्तिथौ रविदिने अद्येह श्रीस्तम्भतीर्थे श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनराजसूरि पट्टे श्रीजिनभद्रसूरीश्वराणामुपदेशेन श्रीश्रीमालज्ञातीय सं० माण्डण सं. धनराज भगवतीसूत्र पुस्तकं निजपुण्यार्थं लिखापितं । श्रीमालज्ञातिमण्डनेन संघेश्वर श्रीमण्डनेन सं० श्री धनराज सं० खीमराज सं० उदयराज सं० मण्डनपुत्र पूजा सं० जीजी सं० संग्राम सं० श्रीमालप्रमुखपरिवृतेन सकलसिद्धान्तपुस्तकानि लेखयांचक्राणानि श्रीः ।'
उक्त आठ भंडारों में से मुख्यत: केवल एकमात्र 'जैसाणो' जेसलमेर में स्थापित जिनभद्रसूरि ज्ञान भंडार ही आज विद्यमान है। यह भंडार विश्वविश्रुत ज्ञान भंडार है। प्राचीनता एवं ४०३ ताड़पत्रीय ग्रन्थों की प्रचुरता से समृद्ध है और अन्यत्र अप्राप्त अनेक दुर्लभ ग्रन्थों / पाण्डुलिपियों से समलंकृत है। भारतीय और पाश्चात्य शोधकों ने यहाँ आ-आकर, शोधकर, पाण्डुलिपियाँ करवाकर, प्रकाशन कर, इस समृद्ध भंडार के वैशिष्ट्य / गौरव को मुक्तकण्ठ से स्वीकार किया है।
श्री जिनभद्रसूरि ने हजारों ग्रन्थों की प्रतिलिपियाँ करवाकर भण्डारों में सुरक्षित रखीं, इतना ही नहीं, प्रतिलिपिकार विज्ञजन नहीं होते अतः अशुद्धि परिमार्जन हेतु स्वयं और महोपाध्याय सिद्धान्तरुचि, महोपाध्याय कमलसंयम, महोपाध्याय जयसागर, कीर्तिराजगणि आदि के साथ ग्रन्थों का पुनरीक्षण और संशोधन किया था । जेसलमेर ज्ञान भण्डार की कई प्रतियों में इसका स्पष्टत: उल्लेख है ।
जिनभद्रसूरि के पश्चात् यत्र-तत्र मुनिवृन्दों और आचार्य वृन्दों ने खरतरगच्छ के सैकड़ों ज्ञान भण्डार स्थापित किये। जिनमें मुख्य-मुख्य स्थानों के नाम निम्न हैं:- नेमिनाथ मन्दिर खरतरगच्छ ज्ञान भण्डार, अजीमगंज, जैन भवन कलकत्ता, खरतरगच्छ ज्ञान भण्डार, खम्भात, जिनभद्रसूरि ज्ञान भण्डार पाटण, वाडीपार्श्वनाथ मन्दिरस्थ भण्डार, पाटण, जिनभद्रसूरि ज्ञान भण्डार, जेसलमेर, बेगड़ गच्छ ज्ञान भण्डार, जेसलमेर, थाहरुशाह ज्ञान भण्डार, जेसलमेर, आचार्यशाखा ज्ञान भण्डार, जेसलमेर, यतिवर्य श्री वृद्धिचन्दजी ज्ञान भण्डार, जेसलमेर, जिनदत्तसूरि ज्ञान भण्डार, गढ़सिवाना, केसरियानाथ ज्ञान भण्डार, जोधपुर, जिनयशसूरि ज्ञान भण्डार, जोधपुर, चाणोद गुरांसा संग्रह, जोधपुर, खरतरगच्छ ज्ञान भण्डार, फलौधी, भावहर्षसूरि ज्ञान भण्डार, बालोतरा, यति माणकचन्दजी संग्रह, बालोतरा, आद्यपक्षीय ज्ञान भण्डार, पाली, खरतरगच्छ ज्ञान भण्डार, पाली, यति नेमिचन्दजी संग्रह, बाड़मेर, हालासंघ ज्ञान भण्डार, ब्यावर, खरतरगच्छ ज्ञान भण्डार, जयपुर, शिवजीराम ज्ञान भण्डार, जयपुर, प्र. पुण्यश्रीजी संग्रह, जयपुर, जिनरङ्गसूरि ज्ञान भण्डार, जयपुर, खरतरगच्छ ज्ञान भण्डार झुंझणू, अभय जैन ग्रन्थालय, बीकानेर, महोपाध्याय क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर, महोपाध्याय रामलालजी संग्रह, बीकानेर, जिनकृपाचन्द्रसूरि संग्रह, बीकानेर, उपाध्याय जयचन्दजी संग्रह, बीकानेर, महोपाध्याय समीरमलजी संग्रह भीनासर, श्रीपूज्य जिनचारित्रसूरि संग्रह, बीकानेर, मोतीचन्दजी खजांची संग्रह, बीकानेर, बोरो की शेरी का उपाश्रय, बीकानेर, खरतरगच्छ आचार्यशाखा का भण्डार, बीकानेर, बड़ा ज्ञान भण्डार, बीकानेर। इस भण्डार में ९ ज्ञान भण्डार सम्मिलित हैं उनके नाम इस प्रकार हैं:
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