Book Title: Karni Ka Fal
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 2
________________ * युवा हृदय सम्राट पूज्य गुरुदेव श्री नम्रमुनिजी म.सा. की प्रेरणा... ____ अर्हम युवा ग्रुप पस्ती द्वारा परोपकार के कार्य... एक नया प्रयोग... GROUP YUVA YUVA GROUP करुणा के सागर पूज्य गुरुदेव... जिनके हृदय में दूसरों के हित, श्रेय और कल्याण की भावना रही है... उनके चिंतन से एक अभिनव विचार का सृजन हुआ और उन्होंने मानवसेवा, जीवदया के कार्य के साथ अध्यात्म साधना करने के लिए “अर्हम युवा ग्रुप” की स्थापना की..! __ पूज्य गुरुदेव के प्यार से प्रेरणा पाकर यह महा अभियान समस्त मुंबई के युवक-युवतीओं का एक मिशन बन गया ! इस महा अभियान में प्रतिदिन स्वेच्छा से नये नये युवक युवतियाँ जुडते जा रहे हैं। यह उत्साही युवावर्ग हर माह हजारों किलो की पस्ती एकत्र करके उसका विक्रय करता है और उस राशी से परोपकार के कार्य करता है। पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन और निर्देशन के अनुसार ये युवक-युवतीयाँ हर माह के प्रथम रविवार को पार्टी, पिक्चर या प्रमाद करने के स्थान पर परमात्मा पार्श्वनाथ की जपसाधना करकेमनकी शांति और समाधि प्राप्त करते हैं। दूसरे रविवार को सेवा का कार्य करने के लिए घर-घर जाकर अखबारों की पस्ती इकट्ठी करते हैं और कड़वे-मीठे अनुभव द्वारा अपने अहम् को चूर कर, Ego को Go कर, सहनशील और विनम्र बनते हैं। तीसरे रविवार को पस्ती से पाये गये रूपयो से गरीब, आदिवासी, बीमार, अपंग, अंधे, वृद्ध आदि की जरूरत पूरी करते है। वे उन्हें केवल वस्तुयें या अनाज, दवा आदि ही नहीं देते अपितु उन्हें प्यार, सांत्वना आश्वासन और आदर भी देते हैं । उनकी दर्दभरी बातें सुनते हैं, अनाथ बच्चों के साथ खेलते हैं और वृद्धजनों को व्हीलचेर पर बैठाकर उनकी इच्छानुसार प्रभुदर्शन आदि कराने भी ले जाते हैं । वेकत्लखाने जाते हुए पशुओंकोबचाते हैं। बीमार, घायल पशु-पक्षीयों का इलाज भी कराते हैं। बदले में उन्हें क्या मिलता है ? उन्हें एक प्रकार का आत्मसंतोष प्राप्त होता है । वे जो अनुभव करते हैं उसके लिए कोइ शब्द ही नहीं है । उनका दिल अनुकंपा से भर उठता है। ____इन युवाओं ने आजतक दुनिया के सिक्के का सिर्फ एक ही पहलू-सुख ही देखा था। अब सिक्के का दूसरा पहलू | दुनिया का दुःख, वास्तविकता देखने के बाद उन्हें अपना सुख अनंत गुना बड़ा लगने लगा है। __बस ! पूज्य गुरुदेव ने आज की युवा पीढ़ी को शब्दों द्वारा समझाने के बदले प्रयोग द्वारा उनका जीवन परिवर्तन कर दिया। प्रयोग और प्रत्यक्ष देखने और अनुभूति करने के बाद समझाने की जरूरत ही नहीं रही। चौथे रविवार को अपने पूज्य गुरुदेव के दर्शन करके, उनके सानिध्यमें उनके शुक्ल परमाणुओं द्वारा अपनी ओरां, अपने भाव और अपने विचारों को शुद्ध करके शांतिपूर्ण, निर्विघ्न अपने सारे कार्य सफल करते हैं और नया मार्गदर्शन... नया बोध... नये विचार पाकर अपना जीवन धन्य बनाते हैं । आप भी जीवन में 'गुरु' द्वारा प्रेरणा पाकर परोपकार के इस महा अभियान में अपना सहयोग देवें और अपना अमूल्य मानव जीवन सफल बनायें। अर्हम ग्रुप के सदस्य बनने के लिए सम्पर्क करें - - Ritesh -9869257089,Chetan-9821106360, Jai -9820155598

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