Book Title: Karmashala Parikalan Author(s): Gurubachansingh Narang Publisher: Hariyana Sahitya Academy Chandigarh View full book textPage 7
________________ निदेशक मार्गदर्शक इस पुस्तक में विषय सामग्री को तीन भागों में बांटा गया है। पहला भाग अंकगणित, बीजगणित त्रिकोणमिति तथा मैन्सुरेन्स की मूल जानकारी से सम्बन्धित है तथा शाप (कर्मशाला) की समस्याओं के प्रयोग के बारे में शामिल किया गया है। इस प्रकार पहला भाग सामान्य है तथा सभी ट्रेडों के विद्यार्थियों के लिए है। इस पाठ्य पुस्तक का दूसरा भाग विभिन्न ट्रेडों के लिए अलग से दिखाया गया है। तीसरे भाग में गणित की प्रसिद्ध सारणियां दी गई हैं जोकि विद्यार्थियों तथा निदेशक के लिए सहायक हैं जिससे कठिनाईयों का समाधान किया जा सके । इस भाग में निदेशक के पथ प्रदर्शन के लिए निर्देश पुस्तकें अध्याय अनुसार दी गई हैं। प्रस्तुत अध्याय में विषय सची क्रमानुसार दिखाई गई है जो कि प्रशिक्षण शास्त्र के नियम क्रमेश, विदित से अविदित, सरल से कठिन पर आधारित है ताकि विद्यार्थियों को मनचाही जानकारी उचित ढंग से प्राप्त हो। प्रत्येक अध्याय में पर्याप्त अच्छ-अच्छे उदाहरण दिए हुए हैं ताकि विद्यार्थियों ने सिद्वांत जो कि उन्होंने पहले पढ़े हुए है के उपयोग से जानकारी कर सके। प्रत्येक अध्याय के अन्त में उचित अभ्यास उदाहरणे विद्यार्थी के पूर्ण अभ्यास के लिए दिए गये हैं । यह भी प्राशा की जाती है कि निदेशक इस योग्य होगा कि वह अतिरिक्त प्रश्नों का रूपांकन कर सकेगा। उसी दिशा में वह सोचेगा कि इसमें और अभ्यास की क्या आवश्यकता है। देश में अब मीट्रिक प्रणाली अपनाई गई है। इसलिए पुस्तक में वही प्रयोग में लाई गई है। परन्तु फिर भी यदि निदेशक चाहे तो कोई उदाहरण फूट-पाउंड-सैकिंड । अन्तराष्ट्रीय पद्धति में उचित सुधार सहित प्रत्येक अध्याय के अन्त में दिए गए उदाहरणों से ले सकता है। कक्षा में एस. आई (अन्तराष्ट्रीय प्रणाली) प्रणाली का परिचय देते समय निदेशक को विशेष ध्यान देना चाहिए। यह अन्तराष्ट्रीय प्रणाली होने के नाते इस पुस्तक में दी गई है यद्यपि इसे पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है। सभो मौलिक इकाईयों तथा गुणनखण्ड, रूपान्तर का भी इस पुस्तक के अध्याय 2 में वर्णन किया गया है।Page Navigation
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