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दोगमा पुगि मनोरघणचन विवेद गई वाला प्यनीश वा शहद याम बाळा जिसपर बाकी सारी उदोहद दश दारा उन त अवमानित दोहदक हवाई नी वा ढायेन एतावतापरिपूर्ण विशेषकरी सुबइबरग हला श्रवमापियंदोह ला। [व] हिमादादला । चवरणीय दादला मुहं मुदि । घानानीनिद्रा ऊत्तीरह। श्रामनवइसर नियायाषमा मुषइक इम गर्न समस्त
रहश्
मानुषई विहरतिर
या मया । मयई । चिणि साया जय हरे मुह मादणं । नगपरिवज्ञात तिमिइकालाइ तिरिणइ समय का लेगतियां मम
मरण गवंत श्री माहावीर येतिरण ऊना लान
पहिलउमास
• बाधारहि तपाइक ॥ छपि कालख च घञ्चार नेकाल निणिसम
। म मरण नगत महावीरास गिम्दा पोपट [ममा मि० सेो चैनसुदिनइ "तेर सिनइ दिवमङ्ग
नव मसवा
प्रस्तावि नगवंतन जन्म वश्ते समय भार
रमा दो पारका चित्रमुरखतम चित्रांत रसी दिवास । राव एं
या उपरि माढा मात्रिश्रहोरचि वितिकां नगइएघ के
उस्कान
निदाउ दिन विदो मामारण। बजपडि पुरणास अन्माएणरा तिंदिया व तिनं तारण (उच्चा इायश्यकश्मगलेग्रहे प्रधान चंद्रमा योगवेऽमान प्रधान मंगला विनिविदिति जगवंतरज निर्मल मानबल आवश्यक। सेोमानादि के दिन कामकालि
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चहिनह हो ।।हि। इचक्क सत्र हिंति करो हो शात्रिति नादिरामा खिलिक चैर्नराधिपः विस्वस्थ है। विनिङ ग
माल सामसमेत हजारो के मामुदिमास विवि मित्रमुमिकुमारी
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