Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami, 
Publisher: Nagor

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Page 225
________________ नियंत्रन नियंधान अथवा आणलीयइ पाटिपा टिल्ला दिक कप्परे निघावा नितिगदियानास ए | कर्म नादान ए पानीघ पाटिपा टिलादिक ॥ अधवा वार२ बांध अधवा विश्रामी श्रायाणामये रेगालादि विद्यासायला नमादेवार घणा पाटिपा टिल्लाल्पर पाटिया टिलादिक Sfies ताड सुकतान रहितेन याकर:इमकीय‍ स्वाध्यायादिकनी व्याघात अपक्ष ३ ज्ञानदा पायाहाल पुन्तरदि दीव या यदिकसमिति वारवार आराधना बधिया अमियासयितावियस समय अतिस्कए पहिलेद एक रिचा नोख साथ जिवनावरहित तिमर संयम २ अ पडिलदासाला अथमा सलिसा तदार संजाम रारा दोहिल प्राण्य कर्म नो आदान अंगीकारकाय पाटिपाटिलाई एई दाघएक वाट तिमिर हिल हवामान घाय नहा मिगाठ पदर बेदम रहित बाधाता लोपेडीअमुष नएलचणायामयं श्रतिग्ादि सिद्यास उच्च कश्य मानोयेत आसन सहितावर संधाराण समितिसहित वारवार तन दावा इसासाधुन बंधिय मियास पिस चाया दिय समिरिक 533 श्राचार्यशिष्य सर्पदृतादाव्या

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