Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Nagor
View full book text
________________
स्वाध्याय क रिवासगी प्राथचितना का उस पर विष सारहिया शेवली हो कोई वीरासादितोकल्प शायद करित्रएका उगांवा वागवार हुँको साधु एक अधवा अनेक
सम
"साधुन सलाव्या पाइएतावानांक
कल्प दिन इमकद वो एतिहांलगइ
रिवान कल्पाचा नांगर हानिदिए गया आगया कप (सएनए नवलदार पाष श्रार्यलग जोइ जलगइ तांसाम अंगद स्वर: लिघरि डांसाम का सवा जलकले सवोरा दि साधु करकादिमुपादाना
गा दावा का वीरासादिकश्रहवो नियति साधु' रंगीकारकर इमसेन कल्पइ गृहस्वनधरि वागांवा वाइएस सप डिसलिए चांस कप्पाले महाशिव तनात साधु अंगीकारनकर इस तेहनइन कल्प
도
हान्यादिकदोष क
पज
सोह
Spa
बा तिमश्न
"एहवन घरि
सर्वाणि सचोरा (नाडिस लिया एवं सना कण गाता जालग का उसगादिक बीरास हादिक र वर्षाकालर विष नकल्पई गांवा वाचा वापर वासाचा पाया सदिय्सपोमा
सा२७%
आय का
एलीयसान
स्तुमिकादिर
पीडाऊं चा दिदिरा नायकाय व
आदिकदा भाई
a
222

Page Navigation
1 ... 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234