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स्वाध्याय क रिवासगी प्राथचितना का उस पर विष सारहिया शेवली हो कोई वीरासादितोकल्प शायद करित्रएका उगांवा वागवार हुँको साधु एक अधवा अनेक
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"साधुन सलाव्या पाइएतावानांक
कल्प दिन इमकद वो एतिहांलगइ
रिवान कल्पाचा नांगर हानिदिए गया आगया कप (सएनए नवलदार पाष श्रार्यलग जोइ जलगइ तांसाम अंगद स्वर: लिघरि डांसाम का सवा जलकले सवोरा दि साधु करकादिमुपादाना
गा दावा का वीरासादिकश्रहवो नियति साधु' रंगीकारकर इमसेन कल्पइ गृहस्वनधरि वागांवा वाइएस सप डिसलिए चांस कप्पाले महाशिव तनात साधु अंगीकारनकर इस तेहनइन कल्प
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सर्वाणि सचोरा (नाडिस लिया एवं सना कण गाता जालग का उसगादिक बीरास हादिक र वर्षाकालर विष नकल्पई गांवा वाचा वापर वासाचा पाया सदिय्सपोमा
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पीडाऊं चा दिदिरा नायकाय व
आदिकदा भाई
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