Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Nagor
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परिलदाणामोरवसा
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श्रा०पर्यावासासाधु
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पहिलेदणानोवसाय वाररप्रूनिवानास्व तिमतिम. सेनमआराधनासाहिलीकुवा
पडिलक्षणासालापमाणसालाससारण सुधाराएं संजामनवडू सामान
कल्पर नियंनियंधान तानिवडानातिलघुनातिनास्तू पवासावासेपायासवियाकम्प निगंधागवार १३७वारपासवणखमी पठिलेहस्वरसाला तेहवानपडिलेदर हवावरमाला तकिसउकारणकदम
सायाला ऊहाला एडिलेहदंगपूज्यवर्षा पडिालदिएमहामंतगिम्हासुउहावासासुसकिमावतात वा कालाई प्रादई बैंप्रियादिक हराका सम्पादिक पेस्वामीनाफूला हरामाञ्चकरा जवते आपण यादिक
विास परिलहि वा सागरम साणंउसने पाणायतणायबापाय पणगायहरणितति पर वर्णकालिरह्यासाधुन कल्पः साधुसाधाना तानिमात्रा तिवाराधिवातकहा। वासावासंपाद्यमवियाणकानिana tanगाईगिन्दिए कहा वंडानातिनलघुनामिनटमारोमानउमानमा आयक, वाकालिरखाना
मात्र उञ्चारमन्त्रएश्यासणामन्त्रएरवलमत्रए। यह वासावीसेपारमादिया
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