Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Nagor
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-दामाखकल्प
पहिलवर छापलेलेवानादिक तेहनश्कल्प वाभाटिकलिखो श्रानकल्प तेहनतान Hon'2 आहासाधुश्मयुरेकार
SHTRA सवारिगाढदिसतंयवासका विहिवनासकार दिकत्तामान व कालिरह्यासाधुन
कियाएकसाधुन मकाउ पदिलनव दिकादव३०१५ विण्यवासामावाद्याविया त्राचगश्यागqaaad-बाप दिदेयादासाधू अनानादिकउन लानादि कत्तणी रेणिआपलाजशनादिक काल दवाउन ओपलेवायरिकहा।
सं दावतातपडिगाहहिंसातवासकप्पदाविनाविवडिगा हितवि शालाबा६ वर्षाकालिरह्माज्यशय साधुनकल्प सा साहतियान तरुणपण रोगर जाणिवा सामा
समर्धन ने ६ वासावासंपाद्यासदिया नोकप्रनिग्गंधाणबारहहाआरु एहवा बलवंतचारारनसाधुन आगक नवरसपधानविगत चार२तपादिकका आहाखातोग
हातानवस्वसदितविगः रण माघ वी ग्गाएंबुलियसरीराणेश्माउनचरसदिगईलअलिकणेरडाहारित
तिजिम इधर दबीर माधरण त तिलप गुलद मधु मद्यमांसाप आप वर्षा ए संझदा खारे दर्विनवणाय सयि तिने गुरुंग महो मंस १७ वासा
साप

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