Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Nagor
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नाक विधवा परसिव कल्प वर्षावासिरह्यामान
निरकमित्रएयाप विसिझण्या जर वासावास को दिए नियम लिएकु कल्प बिवार लिज्ञापर्यासणा गृहस्वरद्धार सातरद्रकानि पाणीरश्काजि नौकलिउ
बहस बिउपवास कर शाहार साधुन पारएाई
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आवर
कल्प
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कृप्यति दामोरकाला गादान सत्ता या पापाचा निस्क मित्रा वाइसिव कल्य वर्षाकालिरह्यासाधुन विवासराकरण हार साधुन पार 'वापवित्रिए वा २२ वासावा संपास विएन्नत्रियखालि कुस्झ कप्पे तीनिवार निकायोता यहखना घरप्रति सातकजि पॉणार काजि नौकलि अथवा परसि तिसगा और काला गाढाव कुलं सताएवा' पा पाए वा निकमित्र एचा पवि अमधका पति वकल्प ०२३ वर्षाकालिरह्या साधुन विष्टककर हारसाधुन कल्यई संघला सित्रया २३ वासावा संपानास दिए विगि सत्रियथा लिकुमा कप्पतिसाध निश्वगोचर काल लिया महस्वनधरि सातर पारका नीकलियो अधवा पर सिवो
तपात विऋटक दवा
झापा
चर्यातला
काजि
जि
दिगार का लागा हाच पापाचा निरक मित्रचापविसिनए

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