________________
लावत चाला सक
सकर कदाचि एक पग पाणी माहे करा एक प्रकाश मपाणी अादि इमकल्पइ नई विष राजीन दहिया सिया पायंडाल विद्या संपाये घाल किया एवं चक्किया एवाहं दिनं दिसि विदिसि कोस दिन १ योजन लिक्षाच जाबो वोकलय १२ कष्ण इस समंतांसाका सजाय लिएका यरियाए पनि म जुन सकरतो विदिमि विदिसि कोस सहित श् योजन
इमकल्पइ
१२ एवं चाना चक्किया एवासना कण ससमेत साका सजाय निक्षावर विष जावाच्या वा साधुन आ०१३ वर्षाकालिस्ह्या साधुन सिरका यरियाए 'गंप डिनिए १३ वासावास पाद्यास विद्याएं क साधुन इम पहिलो काउ गुरिग्लानत मातसाधुन कल्पनादि नकल्प
सा०
लादाज
कन
गया
णि आपलेवो अशनादिक
लाव
प्पट्ट पडिशादि व १४ वासावा संगस बिया
एवंत्रण दामिनास
वर्षाकालिरह्याबर. डी. साधु
398994
बिऊं पगे विलोड तो कल्प
ड्राइल रिजावा बोनकल्प धणीसा
म जलते
सुंटी साम जिहाँ जल तिलैया सुंग्याहाती
कप रिजलते लेयोप
कियां ए रितिक्षावर इवि षडजांतांनकल्प
SISTER TERES
विधान तयार ६कालि उदघ हडवर वर्षाश्म
जातो श्रावती ब
तियां किया एक साधु का कालिदासंघह
यात
वर्षा का लिव Ur
दगमेह व श्लेष कल्पझलपोपरिद्धि मनकल्या
Sabse