Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Nagor
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कहानतकिसातेशामा तेशामकहात तेलिमाईतिम मईबरिधिशका माघयूह वमादिद्योति सतिंसासाउन एवमादिद्यति तंतहा अबरिधियामास घा२ मतवत्यका३ वलेपत्रिकाध तेदनातवापानि तेदनाकिसातेकल कलमकहान रियामयिपतिया सुमपतिया सतसादाम सकिंतकलाईएवमादिद्य • तेकदा पहिलोवलाणांगततर बातमवलासोमनतिक हिवतनगमत्रांनो तिजहा पटवस्तूयं बायंषुणासातज्यादा दलगत
चउछ हस्खिलिस्य बलापाचमोनंदित्यप बहीवलीपस्लिासिक जवा चमचर्यहबलियंरपंचमगोंदियबध्युणपारिहासयाहार दहीगारणमा एबवला ऊलजवरजाणिवा अविर होती कि खानाहाना उहगारवालाहोनिमायावाधारहितसिरियादि
दारातगोत्रधारकादाता रहा बारनामोगणागचनीकरतो स्वादारितासायासहिता पाचारणहानगरीश सालमा ।
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