Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Nagor
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टूष्तेदन ५ पाटिमा जेह वासि गोत्र
नोज पुन २६ पारि तेड
विन्दुमा
दरगोनोउपन
टिम
कालको निउपना पूर्व ते माि
न
पि
गौतम
गान तिन पाटित्रप्रार्थ ६ गौतम गोत्रो उपा
२८ पट ते हनपाटि मार्थ सिंघपालीयगोत
राप्रपाट
का केदिकरणे व्याघ्रापत्यगोत्रस धविरना सुखित प्रतिबधनाएं. नामकरास हिंत हितबेवे
गोलार्ध
का कंदम साधा
कोटिक का कंदक नाम
श्रार्यरत व गोत्रना उपनो १५ पोट तेन 5
पिडिला एका काकंद, पाटि प्रायेषु मगिरी को सहितयगोत्र सहि शिष् घविर इंद्रदिश कौशियगोचसहित तिशिवक्रिनो आये शिक गोत्रन उप अद्यावत का शातवासी (वारा झरा जनउपनो २७ पाट इंद्र दिलन3 कोशिय गोत्र सहितनो शिष्य घविर आर्य दिखगोल मंगोसहित तेवि तेदन पारिश्रार्यश
तात
१६. पाट तेहन पाटि
10
दादर ( का सियएगा सम्म प्रांत वासी द्वारा दिल साथ में एनीमलेस गिरिवासिय न शिष् घविर आर्यसागराती स्मरणस हित
प्रार्य दिन्ननो गोयभगोत्रसहित
पनव१८ तेन या दिखाये सब ईक उपन
पाट तेहनई पाटिया यस कोशद गोजन उपन २० पाटि तेह
पादि प्रार्यनात्रक
टितेन पाटि प्राथ
धारक
दिसा गायमस गात्तस्य प्रतिवासी धार असाद गिरी प्रसार कोयिगोत्र विवरन आर्यसीस गिरिनी जाती स्मरण सहितको शिय गोत्र शि किन मानिकासियाने घरमा श्रासीद गिरा आइ सरमा का सियागात्तस्मं पटाय 即 शविर मार्य वज्ञश्वामि गोतम गोत्र तिरुव विरनो आर्यव र स्वामि गौतम गोत्र पाटतेनईपाटितवासा (घारीच्या लाथमार मालकाचा गोत्रने उप नो ३२ पार तेहनई पाटित्र्यार्य धर्म का शिप गोत्रनो अपनी अ पाट ते हन ई पाटिमा मंडल 38 पाट तेहनइ पाटिचार्य दिमाग का अपगोत्री अपनी पाट
पाट तेह
सहित
वयरागाम
नई
रतकाशवगोत्रनो उपनोपाटि तेहत पाटिमार्थना नामा गो तमगोत्रनापना २३

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