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नामि मुलरतर जं (लिकनामग्राम नगरन बाहिर कजुवालिका नाम नदी रइती रिका ठइपुराणाव् गलियंगा मस्सगरम्मंब दियाउछ वा लिया एमईए ती राख यावत्रस्ताच इय ननईनवे गलउन नेमउ उचित दवाई सामान नामगृह
सालनाम ष्पन इदेव
तेदना वर
समंदरसा माता मा मा गरम गाहा व तिस्म कई करणं. सिसिलियाय वस्त्र देंगे। लिगाई डुदाय र जिशिअ स गितका सरी आतपनानी तक्त बिऊंउपवासे (क) र विषर श्रापना करती धोकरीच विहारमा
॥ तिन्नेव गाउयाईचे
ईथरु को उप मनाद
चक
वर्तमान घक तइघक
दोहियाए । ॐ दयं णि सिद्या पत्रा या वरणाए । श्राया विमा गरम २ बाळगता साशा बारस गुरदितातिर दस्तातरा उ नष्यूवर विष जोग संयोग आवड लक्ष्या नरइ विषइ शुक्तध्यानध्यात गोवारे बनी नविकी एक शराफालानीमाई, (२) चिलाट दमाने-पारमा हिरा हिंग करणं जो ग मुवागये गाना पंत रियो एवद्यमाणस्स अनुरसवेत्तिम कटकादिक आवस्मरहितूल होती प्रतिशपून कवलयायिक प्रधान अनंता विषय हो। व्याघातरहित न सकला
रा.
केबल त्यान केवलद
सर्वज्ञ
खरे शिवाघाए। णिरावरणे । क सिसेपटि पुएला केवल वरपासदेस अनि उपनल तिवारख इतेश्म रगत गवं तश्री महावीर अरदंतकथा केवल न्यानसदि समुख्य समेतिसरणं सतयवं महावीराचार हा जाए जिए। केवला । मन्त्रणासन्नद्
दारणहार
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Necologi
के बल पूर्ण श्रनव न्यानादिकाये हनइक
इतकेवला उपुराण्ड व्यंतर न उचैत्यदे हर तेह
नइ । २
नामदेव तेदनशाम
पहिलइसाई विशेषन
उजारणहारा बीजइस ||मइसामान्याव जोधदेष शश