Book Title: Kalp Vyavahar Nisheeth Mul Matra Author(s): Jinvijay Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 7
________________ 6] कप्पसुत्तं [3, 1-21 // तइओ उद्देसओ.॥ 1. नो कप्पइ निम्गन्थाणं निम्गन्थणिं उवस्सए आसइत्तए वा चिद्वित्तए वा निसीइत्तए वा तुयट्टित्तए वा निदाइत्तए वा पयलाइत्तए वा, असणं वा 4 आहारमाहारेत्तए, उच्चारं वा पासवणं वा खेलं वा सिवाणं वा परिठ्ठवेत्तए, सज्झायं वा करेत्तए, झाणं वा झाइत्तए, काउस्सगं वा ठाणं वा ठाइत्तए / 2. नो कप्पइ निग्गन्थीणं निग्गन्थाणं उवस्सए आसइत्तए जाव ठाइत्तए / 5 3. नो कप्पइ निग्गन्थीणं सलोमाइं चम्माइं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा / 4. कप्पइ निग्गन्थाणं सलोमाइं चम्माइं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा, से वि याइं पडिहारिए, नो चेव णं अपडिहारिए; से वि याइं परिभुत्ते, नो चवे णं अपरिभुत्ते; से वि याइं एगराइए, नो चेव णं अणेगराइए / 5. नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा कसि णाई चम्माइं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा / 6. कप्पइ निग्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा अकसिणाई 10 चम्माइं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा / 7. नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा कसिणाई वत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा / 8. कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा अकसिणाई वत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा / 9. नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अभिन्नाइं वत्थाई धारेत्तए वा परिहरितए वा / 10. कप्पइ निम्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा भिन्नाई वत्थाइं धारेत्तए वा परिहरितए वा। 11. नो कप्पइ निग्गन्थाणं ओग्गहणन्तगं वा ओग्गहणपट्टगं वा धारेत्तए वा 15 परिहरित्तए वा / 12. कप्पइ निग्गन्थीणं ओग्गहणन्तगं वा ओग्गहणपट्टगं वा धारेत्तए वा . परिहरित्तए वा। 13. निग्गन्थीए य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविट्ठाए चेलढे समुप्पज्जेज्जा, नो से कप्पइ अप्पणो नासाए चेलं पडिम्गाहेत्तए; कप्पइ से पवत्तिणीनीसाए चेलं पडिग्गाहेत्तए। 14. नो जत्थ पवत्तिणी समाणी सिया, जे तत्थ समाणे आयरिए वा उवज्झाए वा पवत्ती वा थेरे 20 वा गणी वा गणहरे वा गणावच्छेइए वा, कप्पइ से तन्नीसाए चेलं पडिग्गाहेत्तए।। 15. निम्गन्थन्स णं तप्पढमयाए संपव्वयमाणस्स कप्पइ रयहरणपडिम्गहगोच्छगमायाए तिहि य कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए / से य पुव्वोवट्ठविए सिया, एवं से नो कप्पइ रयहरणपडिगहगोच्छगमायाए तिहि य कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए; कप्पइ से अहापरिग्गहियाई वत्थाइं गहाय आयाए संपव्वइत्तए / 16. निम्गन्थीए णं तप्पढमयाए संपव्वयमाणीए कप्पइ रयह52 रणपडिम्गहगोच्छगमायाए चउहि य कासणेहिं वत्येहिं आयाए संपव्वइत्तए / सा य पुत्वोवट्ठविया सिया, एवं से नो कप्पइ रयहरणपडिग्गहगोच्छगमायाए चउहि य कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए, कप्पइ से अहापरिम्गहियाई वत्थाइं गहाय आयाए संपव्वइत्तए / 17. नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा पढमसमोसरणुद्देसपत्ताइ चेलाई पडिग्गाहे__ तए / 18. कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा दोच्चसमोसरणुद्देसपत्ताई चेलाइं पडिग्गाहेत्तए / 30 19. कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा आहाराइणियाए चेलाइं पडिग्गाहेत्तए / 20. कप्पइ निग्गन्थाण वा निम्गन्थणि वा आहाराइणियाए सेज्जासंथारयं पडिग्गाहेत्तए / 21. कप्पइPage Navigation
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