Book Title: Kalp Vyavahar Nisheeth Mul Matra
Author(s): Jinvijay
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 5
________________ 4] कप्पसुत्तं [2, 3-12 3. अह पुण एवं जाणेज्जा-नो रासिकडाइं नो पुरुषाकडाइं नो मित्तिकडाइं नो कुलियकडाई, कोहाउत्ताणि वा पल्लाउत्ताणि वा मश्चाउत्ताणि वा मालाउत्ताणि वा ओलित्ताणि वा विलित्ताणि व लाछियाणि वा मुद्दियाणि वा पिहियाणि वा, कप्पइ निग्गन्धाण वा निगन्थीण का वासावासं वत्यए। 5 4. उवस्सयस्स अन्तो वगडाए सुरावियडकुम्भे वा सोवरियवियडकुम्मे वा उवनिक्खित्ते सिया, नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए / हुरत्था य उवस्मयं पडिलेहमाणे नो लभेज्जा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा बत्थए। जे तत्य एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसेज्जा, से सन्तरा छेए वा परिहारे वा। 5. उवस्सयस्स अन्तो वगडाय सीओदगवियडकुम्भे वा उसिणोदगवियडकुम्भे वा उवनिक्खित्ते 10 सिया, नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए / हुरत्था य उवस्मयं पडिले हमाणे नो लभेज्जा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुराय वा वत्थए, नो से कप्पइ. परं एगरायाओ वा वा दुरायाओ वा वत्थए / जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसेज्जा, से सन्तरा छेए वा परिहारे वा / 6. उक्स्सयस अन्तो वगडाए सव्वराइए जोई झियाएज्जा, नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा अहालन्दमवि क्त्थए / हुरत्था य उवस्मयं पडिलेहमाणे नो लभेज्जा, एवं से कप्पइ 15 एगरायं वा दरायं वा वत्थए, नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दरायाओ वा वत्थए। जे तत्थ एगरायाओ वा दरायाओ वा परं बसेज्जा, से सन्तरा छेए वा परिहारे वा। 7. उवस्सयस अन्तो वगडाए सव्वराइए पईवे दिप्पेज्जा, नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए। हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमाणे नो लभेज्जा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा पत्थए, नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा कत्थए / जे तत्य एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसेज्जा, से सन्तरा 20 छेए वा परिहारे वा। 8. उवस्सयस्स अन्तो वगडाए पिण्डए वा लोयए वा खीरं वा दहि वा साप्पिं वा नवणीए वा तेल्ले वा फाणियं वा पूर्व वा सक्कुली वा सिहिरिणी वा ओरिखण्णाणि वा विक्खिण्णाणि वा विइगिण्णाणि वा विप्पइणाणि वा नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए / 9. अह पुण एवं जाणज्जा-नो ओखिण्णाइं 4 रासिकडाणि वा पुञ्जकडाणि ॐवा भित्तिकडाण वा कुलियकडाणि वा लञ्छ्यिाण वा मुद्दियाणि वा पिहियाणि वा, कप्पइ निग्गन्था ण वा निग्गन्थाणि वा हेमन्तगिम्हासु वत्थए / 10. अह पुण एवं जाणेज्जा-नो रासिकडाइं 4 कोट्ठाउत्ताणि वा पल्लाउत्ताणि वा मञ्चाउत्ताणि वा मालाउत्ताणि वा कुम्भिउत्ताणि वा करभिउत्ताण वा ओलित्ताणि वा विलित्ताणि वा लान्छयाणि वा मुद्दियाणि वा पिहियाणि वा कप्पइ निम्गन्थाण वा निग्यथीण वा वासावासं वत्थए / 30 11. नो कप्पइ निम्गन्थीणं अहे आगमणगिहसि वा वियडगिहंसि वा वंसीमूलसि वा रुक्ख मूलांस वा अन्भावगासियंसि वा वत्थए / 12. कप्पइ निम्गन्याणं अहे आगमणगिहसि वा वंसीमूलंसि वा रुक्खमूलंसि वा अब्भावगासियंसि वा वत्थए।

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