Book Title: Kalp Vyavahar Nisheeth Mul Matra Author(s): Jinvijay Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 3
________________ 2] .... कप्पसुतं [1, 16-40 16. कप्पइ निम्गन्याणं अन्तोलित्तयं घडिमत्तयं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा / 17. नो कप्पइ निम्गन्याणं अन्तोलित्तयं घडिमत्तयं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा / 18. कप्पइ निम्गन्थाण वा / निगन्यणि वा चेलचिलिमिलियं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा। 19. नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा दगतीरंसि चिट्ठित्तए वा निसीइत्तए वा तुय5 हित्तए वा निदाइत्तए वा पयलाइत्तए वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा आहारमाहारेत्तए, उच्चारं वा पासवणं वा खेलं वा सिवाणं वा परिहवेत्तए, सज्झायं वा करेत्तए, झाणं वा झाइत्तए / काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए / 20. नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा सचित्तकम्मे उवस्सए वत्थए / 21. कप्पड़ निम्गन्याण वा निग्गन्थीण वा अचित्तकम्मे उवस्सए वत्थए / 22. नो कप्पइ निम्गन्थीणं सागारिय 10 अनिस्साए वत्थए / 23. कप्पइ निम्गन्थीणं सागारिए निस्साए वत्थए / 24. कप्पइ निग्गन्थाणं सागारियनिस्साए वा-अनिस्साए वा वत्थए। 25. नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा सागारिए उवस्सए वत्थए / 26. कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा अप्पसागारिए उवस्सए वत्थए / 27. नो कप्पइ निम्गन्थाणं इत्थिसागारिए उवस्सए वत्थए। 28. कप्पइ निग्गन्थाणं पुरिससागारिए उवस्सए वत्थए / 29. नो कप्पइ निम्गन्थणिं पुरिससागारिए उवस्सए वत्थए / 30. कप्पइ निम्ग 15न्थीणं इत्थिसागारिए उवस्सए वत्थए / 31. नो कप्पइ निग्गन्थाणं पडिबद्धाए सेज्जाए वत्थए / 32. कप्पइ निग्गन्थीणं पडिबद्धाए सेज्जाए वृत्थए / 33. नो कप्पइ निग्गन्थाणं गाहावइकुलस्स मज्झं मज्झेणं गन्तुं वत्थए / 34. कप्पइ निग्गन्थीणं गाहावइकुलस्स मज्झं मज्झेणं गन्तुं वत्थए / 35. भिक्खू य अहिगरणं कटु तं अहिगरणं अविओसवेत्ता अविओंसवियपाहुडे-इच्छाए परो आधाएज्जा, इच्छाए परो नो आढाएज्जा; इच्छाए परो अब्भुट्ठज्जा, इच्छाए परो नो अब्भुठेज्जा; 20इच्छाए परो वन्देज्जा, इच्छाए परो नो वन्देज्जा; इच्छाए परो संभुञ्जेज्जा, इच्छाए परो नो संभुञ्जेज्जा; इच्छाए परो संवसेज्जा, इच्छाए परो नो संवसेज्जा; इच्छाए परो उवसमेज्जा, इच्छाए परो नो उवसमेज्जा। जे उवसमइ, तस्स अत्थि आराहणा; ने न उवसमइ तस्स नित्थ आराहणा / तम्हा अप्पणा चेव उवसमियव्वं / से किमाहु मन्ते ? उवसमसारं सामण्णं / 36. नो कप्पइ निम्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा वासावासासु चारए।३७. कप्पइ निम्गन्याण 25 वा निम्गन्थीण वा हेमन्तगिम्हासु चारए।३८. नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निगन्थीण वा वेरज्जविरुद्धरज्जसि सज्जं गमणं सज्ज आगमणं सज्ज गमणागमणं करेत्तए। जे खलु निम्गन्थे वा निग्गन्थी वा वेरज्जविरुद्धरज्जसि सज्ज गमणं सज्ज आगमणं सज्जं गमणामणं करेइ करेन्तं वा साइज्जइ, से दुहओ वीइक्कममाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्धाइयं / 39. निग्गन्थं च णं गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अगुप्पविठं केइ वत्थेण वा पडिगहेण वा कम्बलेग 30 वा पायपुञ्छणेण वा उवनिमन्तेज्जा, कप्पइ से सागारकडं गहाय आयरियपायमूले ठवेत्ता दोच्चं पि ओग्गहं अ णुन्नवेत्ता परिहारं परिहरित्तए। ४०.निग्गन्थं च णं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा निक्खन्तं समाणं केइ वत्येण वा पडिम्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुञ्छणेण वा उवनिमन्तेज्जा, कप्पइ से सागारकडंPage Navigation
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