Book Title: Kalp Vyavahar Nisheeth Mul Matra Author(s): Jinvijay Publisher: ZZZ UnknownPage 37
________________ 36 ] पढमो उद्देसओ [1, 27-58 जे भिक्खू अप्पणो एगस्स अट्ठाए 27-30. सूई........जाइत्ता अन्नमन्नस्स अणुप्पदेइ; जे भिक्खू पाडिहारियं 31. सूइं जाइत्ता 'वत्थं सिव्विस्सामिति पायं सिव्वइ, 32. पिप्पलग जाइत्ता वत्यं छिदि ___स्सामि'त्ति पायं छिंदइ, 33. नह-च्छेयणगं जाइत्ता नहं छिंदिस्सामि'त्ति सल्लुद्धरणं करेइ 34. कण्ण-सोहणगं जाइत्ता 'कण्ण-मलं नहिरिस्सामि'त्ति दन्त-मलं वा नह-मलं वा नीहरइ. जे भिक्खू अविहीए 35-38. सूई........पञ्चप्पिणइ; जे भिक्खू 10 39. लाउ-पायं वा दारु-पायं वा मट्टिया-पायं वा अन्नउत्थिएण वा गारथिएण वा परिघ ____ट्टावेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा अलमप्पणो करणयाए, 'सुहुमवि नो कप्पई' जाणमाणे सरमाणे अन्नमन्नस्स वियरइ 40. दण्डयं वा लट्ठियं वा अवलेहणियं वा वेणू-सूइयं वा अन्नउत्थिएण वा गारथिएण वा परिघट्टावेइ वा....वियरइ; 41. पायस्स एवं तुण्डियं तड्डेइ; 42. पायस्स परं तिण्हं तुण्डियाणं तड्डेइ; 43. पायं अविहीए बंधइ; 44. पायं एगेणं बंधेणं बंध; 45. पायं परं तिण्हं बंधाणं बंधइ; 46. अइरेग-बंधण-पायं दिवड्ढाओ मासाओ परेण धरेइ; 47. वत्थस्स एगं पडियाणियं देह 48. वत्थस्स परं तिण्हं पडियाणियाणं देइ, 49. अविहीए वत्थं सिव्वइ; 50. वत्थस्स एगं फालि-गण्ठियं करे: 51. वत्थस्स परं तिण्हं फालि-गण्ठियाणं करेइ 52, वत्थस्स एग फालियं गण्ठेड़; 53. वत्थस्स परं तिण्हं फालियाणं गण्ठेइ; 54. वत्थं अविहीए गण्ठेइ; 55. वत्थं अतज्जाएणं गहेड़; 30 56. अइरेग-गहियं वत्यं परं दिवड्ढाओ मासाओ धरेइ; 57. गिह-धूमं अन्नउत्थिएण वा गारत्थिएण वा परिसाडावेइ; 58. पूइ-कम्मं भुजइ; 2 तं वा साइज्जइ, तं सेवमाणे आवज्जइ मासियं परिहार-ट्ठाणं अशुग्वाइयं। 15 25Page Navigation
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