Book Title: Kalp Vyavahar Nisheeth Mul Matra
Author(s): Jinvijay
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 56
________________ 14, 41-4.6.15, 1-98] निसिहसुत्तं [ 55 जे भिक्खू 41. पडिग्गहगं कोरेइ कोरावेड़ कोरियं आहटु देज्जमाणं पडिग्गाहेइ; . जे भिक्खू नायगं वा अनायगं वा उवासगं वा अणुवासगं वा 42. गामन्तरंसि वा गामपहन्तरंसि वा, 43. परिसा-मज्झाओ उवट्ठवेत्ता, पडिम्गहगं ओभासिय ओभासिय जायइ; ने भिक्खू पडिग्गहगं नीसाए 44. उड्डबद्धं, 45. वासावासं वसइ; 2 तं वा साइज्जइ, तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहार-ट्ठाणं उग्याइयं / // पनरसमो उद्देसओ॥ जे मिक्खू भिक्खूणं 1-4. आगाढं....( जहा 10, 1-4 )....अञ्चासएइ, जे भिक्खू 5. सचित्तं अम्बं भुञ्जइ, 6. विडसइ; 7. सचित्तं अम्ब-पेसिं वा अ०-मितं वा अ०-सालग वा अ०-डालगं वा अ०-चोयगं वा 15 . भुञ्जइ, 8. विडसइ; 9-12. सचित्त-पइट्ठियं अम्बं भुञ्जइ....( जहा ५-८)....विडसइ; जे भिक्खू अन्नउत्थिएण वा गारत्थिएण वा __.. 13-65. अप्पणो पाए आमज्जावेज वा....( जहा 3, 16-68 नवरं आमेज्ज ).... सीस-दुवारियं कारवेइ ने भिक्खू 66-74. आगन्तारेसु वा....( जहा 8, 1 9 )....महा-गिहंसि वा उच्चार-पासवणं / परिट्ठवेइ जे मिक्खू अन्नउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा ... 75, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा देइ 76. पडिच्छइ; 77. वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पाय-पुञ्छणं वा देइ 78. पडिच्छा; जे भिक्खू 79-82. पासत्थस्स, 83-86. ओसन्नस्स, 87-90. कुसीलस्स, 91-94. नितियस्स, 95-98. संसतम्स....( जहा 75-78 )पाडच्छइ; 2 तं वा साइज्जइ; ___20 95

Loading...

Page Navigation
1 ... 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70