Book Title: Kalp Vyavahar Nisheeth Mul Matra Author(s): Jinvijay Publisher: ZZZ UnknownPage 33
________________ 32] दसमो उद्देसओ [9, 35-43.10,1 35. दो पडिमाओ पन्नत्ताओ, तं-जहा खुड्डिया वा मोयपडिमा महल्लिया वा मोयपडिमा / खुड्डियण्णं मोयपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स कप्पइ से पढम-निदाहकालसमयसि वा चरिमनिदाहकालसमयसि वा बहिया गामस्स वा ....(जहा 1,34 ) रायहाणीए वा वणंसि वा वणदुग्गंसि वा पन्वयसि वा पव्वयदुग्गसि वा / भोच्चा आरुभइ, चोद्दसमेणं पारेइ; अभोच्चा आरुभइ, सोलसमेणं पारेइ / 5 जाए जाए मोए आईयव्वे; दिया आगच्छइ / महल्लियण्णं मोय पडिमं जाव पव्वयदुग्गंसिवा / भोच्चा आरुभइ, सोलसमणं पारेइ; अभोच्चा आरुभइ, अट्ठारसमेणं पारेइ / जाए जाए मोए आईयव्वे; दिया आगच्छइ / 36. सागारियनायए सिया सागारियस्स एगवगडाए एगदुवाराए एगनिक्खमणपवेसाए सागारियस्स एगवयू; सागारियं च उवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए / 1037. सागारियनायए सिया सागारियस्स एगवगडाए एगदुवाराए एगनिक्खमणपवेमाए सागारियस्स अभिनिवयू; सागारियं च उवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए / 38. सागारियनायए सिया सागारियस्स अभिनिव्वगडाए अभिनिदुवाराए अभिनिक्खमणपवेसाए सागारियस्स एगवयू; तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए / 39. सागारियनायए सिया सागारियस्स अभिनिव्वगडाए अभिनिदुवाराए अभिनिक्खमणपवेसाए . 15 सागारियस्स अभिनिवयू; तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए / 40. संखादत्तियस्स णं जावइयं केइ अन्तो पडिग्गहसि उवइत्तु दलएज्जा, तावइयाओ दत्तीओ वत्तव्वं सिया / तत्थ से केइ छप्पएण वा दूसएण वा वालएण वा अन्तो पडिग्गंहसि उवित्ता दलएज्जा, सा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया / तत्थ से बहवे भुञ्जमाणा सव्वे ते मयं पिण्डं अन्तो पडिग्गहसि उवित्ता दलएज्जा; सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया। .. 20 41. पाणिपडिग्गहियस्स णं ....(जहा 36, पाणिसि पडिग्गहंसि)....वत्तव्वं सिया / 42. तिविहे उवहडे पन्नते, तंजहा-सुद्धोवहडे फलिओवहडे संसट्ठोवहडे / 43. तिविहे ओग्गहिए पन्नत्ते, तंजहा जं च ओगिण्हइ, जं च साहरइ, जं च आसगंसि पक्खिवइ / एगे एवमाहंसु-दुविहे ओग्गहिए पन्नत्ते, तंजहा-जं च ओरिगण्हइ. नं च आसगंसि पक्खिवइ / // ववहारस्स नवमो उद्देसओ समत्तो // 25 // दसमो उद्देसओ॥ 1. दो पडिमाओ पन्नत्ताओ, तं जहा-जवमज्झा य चन्दपडिमा वइरमज्झा य चन्दपडिमा / जवमज्झण्णं चन्दपडिमं पडिवन्नस्म अणगारम्स निच्चं वोसट्ठकाए चियत्तदेहे ने केई परीसहोवसग्गा समुप्पज्जन्ति दिव्वा वा माणुस्सगा वा तिरिक्खजोणिया वा, ते उप्पन्ने सम्म सहइ खमइ तिइक्खेइ अहियासेइ / जवमज्झण्णं चन्दपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स सुक्कपक्वस्स से पाडिवए कप्पइ एगा दत्ती 30 भोयणस्स पडिगाहेत्तए.एगा पाणस्स। अन्नायउञ्छं सुद्धोवहडं निज्जूहित्ता बहवे समणमाहणअइहिकिवणPage Navigation
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