Book Title: Jo Kare So Bhare Author(s): Moolchand Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 5
________________ और अकृतपुण्य भी उनके साथ चल दिया। दिन भर काम किया। शाम को ... इसकी माँ भोगवती है जो भोगाति की स्त्री है शर्म के मारे इसकी माँ आपके सामने नही आई ریچہ n's साहू जी! आपके सब को तो मजदूरी दे दी लेकिन इस लड़के को नहीं दी इसे भी दे दीजिये ना !, 'कौन है ये लड़का ? किसका है यह बेटा? 'देखो साम्य की विडम्बना यह भोगरत का पुत्र है जिसके यहाँ कभी मैंने नौकरी की, आज उसी का पुत्र मेरे यहाँ नौकरी करने आया है इसकी Cooo अवश्य ही मदद करनी चाहिये। लो बेटा यह मजूरी। सेठ जी। यह आपने मुझे क्या दिया- देखो आग के अँगारे- मेरा तो हाथ ही जल गया। 3Page Navigation
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