Book Title: Jo Kare So Bhare
Author(s): Moolchand Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 16
________________ आगेच्चलकर./भैया यह मेंदा मुझे देदो और बदले मेंयह गाडी तुमलेलो। (हाँहाँ क्यों नहीं? और सौदा तय होगया। इसी प्रकार..... भैया यह मैदा तुमलेलो और पलंग मुझे दे दो भैया जब तुमकहतेहो तो मैंइन्कार कैसे कर सकता मेंदामेरा औरपत्संग तुम्हारा ARC 17 बेटा आजहम धन्य हुए, हमारे भाग्यजगे, तुसकुशल घर आगया तूअमर रहे। सदैव प्रसन्न रहे फले फूले। 900 दीनारमें यह मेला कुर्चलायलंग। व्यापार तोवेटे ने खोटा ही किया,फिर भीठीक है। पलंगा तमैला है लोग क्याकहेंगे चमोइसेधोहीले)

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