Book Title: Jo Kare So Bhare Author(s): Moolchand Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 4
________________ कुछ दिन पश्चात पुत्रपैदा हुआ। क्याकम कैसे करूँ, इसका | पुत्र बदने लगा जैसे गरीबों के बढते है, नरवाने को उपयुक्त भोजन पेट कैसे भरूँ...दोजून रोटी आदि,न पहनने को कपड़े, नकोई समान साथी, न देखभाल करने भीनहीं है मेरे पास,कहाँसे इसे रिखलाऊँ पिलाऊँ। वाला, बीमारी में दवा दारू भी नहीं। परन्तु कियाक्याजाये। बड़ा भाग्यहीन है यह। पुण्य इसके पास ही नहीं। कर्म से बिना भोगे छुटकारा भी तो नहीं। इसका नाम अकृतपुण्य ही ठीक रहेगा। O००० कहाँजारहे हैं। आप लोग? यहाँ पर एक कृतपुण्य नाम का गृहस्थहै, उसका स्वेत साफ करने के लिये जारहे हैं वहाँ मजदूरी मिलेगी। Mal 2Page Navigation
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