Book Title: Jo Kare So Bhare
Author(s): Moolchand Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 10
________________ शुभ भावों से मरण करने के कारण अकृतपुण्य मर कर स्वर्ग में देव हुआ ययय TRUES अचानक...... 8 alla मैं कहा हूँ, यह प्रदेश कौनसा है। यह नौकर, चाकर, वैभव क्या है। यह सब मुझे क्यों मिला? अहा! हा! हा! समझा यह सब मुझे मुनिमहाराज के उपदेश के कारण प्राप्त हुआ। महाराज के उपदेश से मेरा विश्वास ठीक बना, सात तत्त्वों का जैसा स्वरूप है वैसा मैंने श्रद्वान किया। अतः सबसे पहले मुझे अपने उन परम उपकारी महाराज के दर्शन करने के लिये आना चाहिये।

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