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केरल में जैन धर्म मुनि श्री अभयसागर जी ( आचार्य श्री विद्यासागर जी - संघस्थ )
भारतीय संस्कृति की अभिवृद्धि में जैन संस्कृति । पूजा-अर्चना सम्पन्न हो रही है, कुछ बसदि (जिन मंदिर) का बहुमूल्य योगदान प्राचीन काल से ही रहा है। मंदिर, जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं। किन्हीं में से प्रतिमाएँ स्थानान्तरित मूर्ति, स्थापत्यकला आदि के सर्वांगीण विकास में जैनश्रमण होकर म्यूजियम में स्थापित की जा चुकी हैं, तो कुछ परम्परा का प्रभूत स्थान / योगदान है । तत्सम्बन्धी प्रमाण श्वेताम्बर एवं जैनेतर धर्मावलम्बियों द्वारा परिवर्तित हो कश्मीर से केरल तक आज भी उपलब्ध हैं। सुदूर दक्षिण चुके हैं। इन सभी मंदिरों के विस्तृत परिचय प्राप्ति हेतु स्थित केरल प्रान्त में समय-समय पर श्रमणपरम्परा के उक्त दोनों पुस्तकें अवलोकनीय हैं। द्वारा स्थापित बस्ती (मंदिर) अनेक स्थानों पर अवस्थित हैं और अनेक स्थलों पर स्थापित होने के प्रमाण दानशासन रूप शिलालेखों पर उत्कीर्णत हैं।
केरल प्रान्त में जैन बसदि ( मन्दिरों) की अवस्थिति (A) कासरगोडे (Kasaragode, पिन कोड - 670121 ) जिले में स्थित जैन मन्दिर
1. चतुर्मुख बसदि, भंग्रमंजेश्वर (मेंगलूर- कर्नाटक से 25 कि.मी. दक्षिण में ) ।
'केरल में जैनधर्म : एक अध्ययन' (केरलदल्ली जैनधर्म : वन्दु अध्ययन) कन्नड़ भाषा की (डॉ. पी. डी. पद्मकुमार वी.व्ही.एससी., ए.एच., एम.ए. जैनालॉजी एण्ड प्राकृत, निवृत्तमान निदेशक पशु वैद्य सेवा इलाके, नं. 1476, 'तीर्थंकर', सी एण्ड डी ब्लाक, पूर्णहष्टि रोड, कुवेम्पुनगर, मैसूर 570023, कर्नाटक, फोन- 08212541672, मो. 098459-30542, प्रकाशक- कनगिरि प्रकाशन, कनकगिरि - 571 128, जिला- चामराज नगर, कर्नाटक, प्रथम संस्करण-2006 मूल्य-75/- पृ. 8+72+12) पुस्तक में प्राचीन समय में अनेक राजवंशों, श्रावकों आदि द्वारा स्थापित मंदिर, मूर्तियों आदि सम्बन्धी विस्तृत परिचयात्मक एवं गवेषणामूलक जानकारियाँ संकलित हैं । इसी प्रकार से 'Jainism In Kerala' नामक अँग्रेजी भाषा में व्ही. व्ही. जिनेन्द्र प्रसाद, वायनाड, केरल (मो. 09447849518) द्वारा सन् 2002 में प्रकाशित एक अन्य पुस्तक में भी एतद्-विषयक परिचय के सूत्र प्राप्त होते हैं।
डॉ. पी. डी. पद्मकुमार द्वारा 33 कन्नड़ व 46 अँग्रेजी सन्दर्भ-पुस्तकों के आधार से लिखित उक्त पुस्तक में 15 स्थानों पर अवस्थित जिनमंदिर एवं उनमें स्थापित जिनबिम्बों के चित्रों का अवलोकन करने से यह भलीभाँति विदित होता है कि केरल प्रान्त में आज भी जैनधर्म के उपासक श्रावकों द्वारा जिनसंस्कृति के गौरव को सुरक्षित रखा गया है। केरल प्रान्त के वर्तमान 14 जिलों में से 8 जिलों में तथा तमिलनाडु प्रान्त के कन्याकुमारी जिले में, जो पूर्व में कभी केरल स्टेट से सम्बद्ध था, ऐसे कुल 9 जिलों में 33 जैन मंदिरों के उल्लेख मिलते हैं। उनमें से कुछ में वर्तमान में जैन श्रावकों द्वारा विधिवत्
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2. पार्श्वनाथ स्वामी बसदि, मंजेश्वर (Manjeshwar
670 323) यह मंजेश्वर से आधा कि. मी. पर जीर्ण अवस्था में स्थित है ।
कन्नूर ( Kannur - 670001 / कण्णानूरCannaanare ) जिले में स्थित जैन मंदिर तलक्काउ बसदि ।
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तिरुक्कुन्नावे जैन बसदि (वर्तमान में शिवालय ) । (C) वयनाड ( Wayanad) जिले में स्थित जैन मंदिर अनन्तनाथ स्वामी बसदि, वरदूरु (Varaduru ) 6. सुलतान बत्तेरी बसदि, किडंगनाडु (Kidanganadu) यडक्कल गुहान्तर देवालय (सुलतान बत्तेरी बसदि के निकट, अम्बडवायल रोड, यडक्कल गुड्डे Yadakkala Gudde ) |
7.
8.
• चन्द्रनाथ बसदि, (पनमरम् नदी के पास) पुत्तंगाडी (Puttungadi)।
9. आदीश्वर स्वामी बसदि मानन्दवाडी (Manandwadi)।
आदीश्वर स्वामी बसदि, (मानन्दवाडी से 8 कि.मी. दूर), पुतियडम । ( Putiyadam)
10. शान्तिनाथ बसदि, बेण्णगुडु (Bennagudu)
कम्बका मार्केट से 8 कि.मी. दूर, जैन स्ट्रीट । 11. पार्श्वनाथ स्वामी बसदि, पालुकुन्नू (Palukunnu)।
यह अंजुकुन्नू से 6 कि. मी. पर मानन्दवाडी कलवेट्टा मेन रोड पर है। पार्श्वनाथ स्वामी बसदि, अंजुकुन्नू (Anjukunnu)।
जून - जुलाई 2008 जिनभाषित 13
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