Book Title: Jinabhashita 2004 09 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 8
________________ प्रभावी कदम उठाये हैं। जीवदया के क्षेत्र में उनके द्वारा | आवश्यकता है। मुख्यमंत्री की बात मान लें और जीव दया निरंतर जो कार्य किए जा रहे हैं, उसके लिए उनके साथ | के क्षेत्र में अपनी आहुति भी देना पड़े, तो तैयार रहें, मेरा आशीर्वाद सदैव है। गौरतलब है कि विगत 14 अगस्त | क्योंकि यह जिंदगी की रक्षा का सवाल नहीं, धर्म संस्कृति शनिवार को जब मुख्यमंत्री सुश्री उमाभारती दयोदय तीर्थ | की रक्षा का प्रश्न है और इसके लिए स्वार्थ नहीं परमार्थ की में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से चर्चा और आशीर्वाद | ओर कदम उठाने होंगे। पशुसंवर्धन बोर्ड का निर्माण उन्होंने के लिये गयीं थीं, उस वक्त आचार्य श्री साधना में लीन थे, | किया है। वह उस संबंध में चर्चा और मार्गदर्शन चाहती जिस कारण मुख्यमंत्री उनसे चर्चा नहीं कर पाई थीं। आज | थीं। वह एक कार्यकर्ता की भाँति अपने कार्य में तत्पर हैं। रविवार को प्रवचनों के दौरान आचार्यश्री ने कहा कि वह | कार्यकर्ता को कहने की आवश्कता नहीं होती। वह जिस जो कहने आईं थीं, मैं समझ गया हूँ। उनके शासनकाल में | दिशा में हैं, मैं उन्हें आशीर्वाद देता हूँ। लेकिन यह एक पशुओं को जो स्वतंत्रता मिली है, वह सराहनीय है। उनके | सामूहिक काम है और सभी का सहयोग उन्हें चाहिए, विचार बहुत ही सराहनीय हैं। रात-दिन एक करते हुए | क्योंकि यह लोकतंत्र है राजतंत्र नहीं। आचार्य श्री ने कहा जीव रक्षा के क्षेत्र में व्यस्तता के बावजूद कार्य कर रही हैं। कि पचास वर्षों में अहिंसा के क्षेत्र में बहुत कम विकास वह केवल चर्चा ही नहीं करतीं, उस चर्चा को अर्चा में भी | हुआ है। मध्यप्रदेश की ही तरह गुजरात, राजस्थान, बदलती हैं। जो ठान लेती हैं, करती हैं। उनके पास कार्य | उत्तरप्रदेश, कर्नाटक में यह बात उठे, कार्य प्रारंभ हो, तभी करने की क्षमता है, लेकिन उन्हें आप सभी के सहयोग की | बात लोकसभा और राज्यसभा तक पहुँच सकती है। . राष्टपति ने प्रस्तुत किया करुणा का एक प्रेरणास्पद जीवन्त उदाहरण यह तो हम सभी जान ही चुके हैं कि भारतवर्ष के | वेटनरी अस्पताल गए। वहां चिकित्सकों का एक दल तुरंत राष्ट्रपति,प्रसिद्ध अणु विज्ञानी महामहिम एपीजे अब्दुल कलाम | काम पर जुट गया। जांच से पता चला कि मोर का वह शुद्ध शाकाहारी हैं तथा सर्वधर्म समभाव का उनका वैज्ञानिक | फोड़ा कैंसर का फोड़ा है। एवम् मानवीय दृष्टिकोण है, परन्तु क्या आपको पता है कि कैंसर से ग्रस्त मोर का 3 जून को आपरेशन किया किस प्रकार वे एक पक्षी की पीड़ा को देखकर अधीर हो गया। आपरेशन करीब ढाई घण्टे चला तथा 3 गुणा 4 गए तथा संवेदनशीलता के तारों ने उन्हें बुरी तरह झकझोर | सेंटीमीटर का ट्यमर निकाला गया। बाद में मोर को राष्ट्रपति दिया। भवन स्थित बॉयोड्राइवरसिटि पार्क में अन्य पक्षियों के __ घटना राष्ट्रपति भवन की है। वे प्रतिदिन की तरह | बीच छोड़ दिया गया। राष्ट्रपति डॉ. कलाम अपने अधिकारियों मुगल गार्डेन की सैर कर रहे थे कि अचानक उनकी नजर | के माध्यम से बराबर उस मोर की जानकारी लेते रहे। 5 एक मोर पर पड़ी जिसका मुँह खुला हुआ था, जिसकी | जून को जब मोर ने अन्न का दाना ग्रहण किया और पानी वजह से उसकी दाईं आँख ठीक से खुल नहीं रही थी। पीकर अपनी प्यास शांत की, तब जाकर राष्ट्रपति जी निश्चिंत आमतौर पर मोर मुँह खुला नहीं रखता। राष्ट्रपति जी मोर के | हुए। करीब गए, तो देखा कि मोर के दाईं तरफ एक बड़ा सा यह हैं हमारे लोकप्रिय राष्ट्रपति जी के संवेदनशील फोडा है और मोर पीडा की वजह से मँह बन्द नहीं कर पा हृदय का एक प्रेरणादायी वाकया, जो हम सबके दिलों को रहा है। उसकी दयनीय स्थिति ने राष्ट्रपति को व्यथित कर | गहराई तक छूता है और हम सबको अहिंसा एवम् करुणा दिया। उन्होंने मोर को अपनी गोद में उठाया तथा अपने उठाया तथा अपने | की सिर्फ बातें न करके, सक्रिय होने का आह्वान करता है। अंगरक्षक को तत्काल चिकित्सक बुलाने को कहा। संदेश मिलते ही चिकित्सक मेजर वाई सधीर कमार आ पहंचे। चीरजीलाल बगड़ा तत्पश्चात मोर को लेकर, स्वयं, राष्ट्रपतिभवन स्थित मिलिट्री महामंत्री भारतीय अहिंसा महासंघ, कोलकाता इच्छा सीमित होते ही अंतर जगत का चौमुखी विकास प्रारंभ हो जाता है। सुनीतिशतक 6 सितम्बर 2004 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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