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वर्णन किया है।
(क्षमा शीलता परियोजना) के निदेशक एवं फारगिव फॉर . तनावमुक्त होने के लिए
गुड' के लेखक फ्रायड लस्किन ने जोर देकर लिखा है कि एक पक्षीय क्षमा भी पर्याप्त है
क्षमा कर देने का अर्थ अपराध की क्षमा नहीं है। अपने उक्त लेख में एलिजाबेथ नासाउ की एक सत्य घटना
समाजशास्त्रीय और मनोवैज्ञानिक प्रयोगों के आधार पर उद्धृत है। नासाउ ने अपने एक अच्छी महिला मित्र को | उनका निष्कर्ष है कि मन से मनोमालिन्य या गांठ निकाल उसके जन्म दिवस पर बधाई देने फोन किया, किन्तु बधाई
देने से व्यक्ति के मानसिक तनाव का दबाव स्तर कम से स्वीकार करने के स्थान पर उसने उस पर शाब्दिक आक्रमण | कम 50% कम हो जाता है। कर उसे हक्का-बक्का कर दिया। उस महिला मित्र ने उसे क्रोध से तनाव युक्त व्यक्तियों का अध्ययन लस्किन ने खरी-खोटी सुनाई और अपनी नाराजी की एक लम्बी सूची | | किया था। उनमें क्षमा भाव आने से उनकी ऊर्जा शक्ति, गिनाई, जिसमें नासाउ के अनुसार वास्तविकता कम थी, मनोदशा, नींद की अवधि तथा गुणवत्ता और उनकी समस्त
और फोन पटक कर बंद कर दिया। नासाउ का मानना था शारीरिक जीवन शक्ति में पर्याप्त सुधार पाया गया। सुझाव कि उसकी मित्र का उसकी प्रगति से ईर्ष्या वश ऐसा व्यवहार देते हुए लस्किन निष्कर्षतः लिखते हैं, "आपके साथ कितना था। उसके अनुसार उसकी एक पुस्तक प्रकाशनाधीन थी, अनुचित व्यवहार किया गया है, इस कटुता और क्रोध के उसके निबन्ध भी पुरस्कृत हुए थे। मित्र को यह सब अच्छा भार को ढोते रहना अत्यधिक विषैला है।" नहीं लगा। अपनी अच्छी मित्र के ऐसे व्यवहार से वह
क्रोधित दशा में शारीरिक संरचना अत्यंत दुखी थी और क्रोध भी था। तब से वह महिला मित्र
और स्वास्थ्य पर प्रभाव कभी भी और कहीं भी दिखी, तो नासाउ की हृदय की
क्रोध एक तनाव उत्पादक मनोविकार है और कोई भी धड़कन बड़ जाती थी और वह परेशानी का अनुभव करती
तनाव-उत्पादक घटना, चाहे वह अग्नि खतरा संकट हो या थी। एक लम्बे समय उपरान्त संयोगवश कहीं दिखी, तो
कुल-वैर की कोई घटना हो, जो अन्दर ही अन्दर संकट के उसकी वह विच्छेदित मित्र यकायक फिर मिल गयी।अब
रूप में उबल रही हो। ऐसी अवस्था में हमारा शरीर एडरीन की बार उसको अनदेखा करने के स्थान पर नासाउ ने उस
लाईन (अधिवृक्क) और कारटीसोल (अधिवृक्क प्रांतस्था महिला मित्र को रोककर कहा, कि उसने किस प्रकार
से तैयार स्टेरायड) नामक दबाव या तनाव पैदा करने वाले अपने शब्दों से उसको गंभीर रूप से चोट पहुँचाई है। उस
हार्मोन विमोचित करता है। जो हमारे हृदय की धड़कन महिला मित्र ने सब बातें सुनी पर कोई खेद प्रकट नहीं
बढ़ाने, श्वास-प्रच्छवास की गति तेज करने एवं हमारे मस्तिष्क किया। नासाउ ने बताया कि अब उसे स्वयं अपने आप पर
की दौड़ के लिए उकसाने का काम करते हैं। इसके साथ बड़ा आश्चर्य हुआ, क्योंकि दोषी न होने पर भी उसने
ही मांसपेशियों में शर्करा की गति बढ़ जाती है और रक्त में यकायक स्वयं इस बात पर खेद प्रगट किया कि इतने
थक्का बनाने वाले कारक तरंगित होने लगते हैं। यदि तनाव समय तक अपनी मित्र के प्रति घृणा के भाव और क्रोध
उत्पादक घटना राजमार्ग पर होने वाली छोटी-मोटी दुर्घटना पालती रही। नासाउ लिखती है, कि ज्यों ही मैंने खेद प्रकट
के समान बहुत थोड़े समय के लिए हो तो वह हानिकारक करने के शब्द उच्चारित किए, मैंने अनुभव किया, कि मैंने
नहीं है। किन्तु क्रोध और विद्वेष-ईर्ष्या तो उन दुर्घटनाओं उसे क्षमा कर दिया है। इसका प्रभाव भी तुरन्त हुआ। मेरा
के समान है, जिनका कभी अन्त नहीं होता और जो हमारे क्रोध पिघल गया। यद्यपि उससे मित्रता पुनर्नवीनीकृत नहीं
जीवन की रक्षा करने वाले हार्मोन्स को विष में परिवर्तित हुई, किन्तु अब उसके देखने पर क्रोध या घृणा के भाव
कर देते हैं। नहीं आए, उसके देखने पर हृदय की धड़कन एवं श्वासप्रच्छवास सामान्य रूप से शांत रहा और वह पूर्णतया तनाव
शरीर की प्रतिरक्षात्मक प्रणाली पर कार्टीसोल का मुक्त हो गयी।
अवसादक प्रभाव गंभीर व्यतिक्रम से जुड़ा है। रॉकफेलर फ्रायड लस्किन के प्रयोग :
विश्वविद्यालय, न्यूयार्क के तंत्रिका अंतस्राव विज्ञान दीर्घावधि क्रोध पालते रहने के दुष्परिणाम
प्रयोगशाला के निदेशक ब्रूस मैक्ईवेन कहते हैं कि कार्टीसोल
मस्तिष्क की शक्ति कम कर देता है जिससे कोशिकास्टानफोर्ड विश्वविद्यालय के 'फारगिवनेस प्रोजेक्ट |
क्षीणता एवं स्मरण शक्ति को हानि पहुँचती है। इससे रक्त
- सितम्बर 2004 जिनभाषित 15 For Private & Personal Use Only
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