Book Title: Jina Shasan ke Kuch Vicharniya Prasang
Author(s): Padamchand Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 13
________________ ir Arमयम् । गगा। ण णमो बभोग वियोग : : कनि: नमा नाग गलगारण :नि पाठ । मधान गरबाग , १८.. का नीना FIR -14 . मिनारगीर है। मनाना FIT गा.7 रन म नाना - ना: । । या पदग:गम ॥ या TI: नाप । गागा ॥ी गुगा मामी जी गमी हमाग पहा । पार। कभी मर गठनन नि गिा म 15 मार्ग निसाना गाना जब हम ग - | आग " ...|| माहात्म्यम्म म प ग गा पा सा () ग ग II गगताण व गोंग पाम 'व: मग।। ।पान || साग II 7 जा यह मित्र ग्न, fr गगगग लग गागमा । गा णमाकारा म्यागी, और मामा fun व माग गाण जग म्प अम्पायी भार र प्रतित:। __ याद णमा व भाग लिam || ना माना जायगा ना प्रय.. चा। उम्बिाहागी निपानि || II म नमान ग. पि. ना. मर । गा गा| गाग पनि सम्मान माना ।। मा नान.. जगा frTT जा : ना. मग माऽयम् । पि याः माना गरम गाना || गमावणाना मगा। 1. गाया गा मा गिना ना. या जा भी नि । भी - गिनत। पर-ना मिना नहै। माताम्य पाट में जा भिन्नभिन्न पान प्रयाग मिला, वनिम्न मानि: - प्रयमहप जपानमाकमाग गाणगा। मग ताण न गांग पढम एव: मगन ।। द्वितीयप - मिबाण नमानसाग मन्चपावणामण।। मगलाण च गाम बोय ह. मगल ।। तनीयनप 'मारिय नमाकाग मबावागामणा । मगलाण च मन्बंमि, सावं हवा मगल ॥'

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