Book Title: Jayanti Charitram
Author(s): Malayprabhsuri, Vijayakumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala
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________________ // 309 लोलुपे HA%AECCCCCCCA5% तस्स य पउमावई महादेवी / बीया य कमलमाला साला लायअपनस्स // 2 // पढमाए सुओ पउमो तेयप्पसरेण निजिय- MIघ्राणेन्द्रियकुमारो / बीयाए पुणो पुत्तो अणंगसेणोति नामेण // 3 // पउमापुत्तो जेट्ठो इट्ठो रायस्स गुणगणगरिह्यो / अवरावरमित्तेहिं | सद्धिं विलसइ समिद्धीए // 4 // सयवत्तकुन्दमालयचम्पयमन्दारपमुहकुसुमाई / आणावइ तह गंधविविहे घणसारमाईए गन्धप्रिय। 5 / / कुंकुमचन्दणमयमयगोलासरसेहि अंगरायं च / कालोचियं कुणन्तो जिंघह पुडएकवासे य // 6 // पगईए उ ओयारो कुमारतोसो सुविसुद्धकित्तिवित्थारो / रूवेण विजियमारो नजइ एसो सुरकुमारो // 7 // तयणु सुविसुद्धचित्तो पउमो पउमं व दृष्टान्तः। लच्छिकुलभवणं / एस कुमारो गंधप्पिओ ति कित्तिजइ जयंमि // 8 // एवं विक्खायजसे तम्मि कुमारम्मि रायललियम्मि / कलियम्मि गुणगुणेहि चिन्तइ दुट्ठा कमलमाला // 9 // अस्सि पउमकुमारे जीवन्ते कह हवेज रजसिरी ? / मह IA तणयस्स भभरी कमलं मुत्तुं किं 1 विसह निम्बे // 10 // केणावि उवाएणं एवं मारेमि जेण महपुत्तो / उवभुंजइ रजसिरिं सग्गे सक्को व सच्छन्दो // 11 // तहकायबमकजं बुद्धिमया जह न होइ इहलोए। दुसहो अयसो वाओ पुजइ नियओ. ऽभिप्पाओ // 12 // इच्चाइ कमलमाला देवी चिन्तेह रूद्दझाणट्टा / अह गिम्हे वट्टन्ते पउमकुमारो य ललियंगो // 13 // विलसइ नईए मज्झे नावाकडएण तरुण-तरूणीहिं / सद्धिं कप्पुरागुरुचन्दणरसभरियसिंगीहि // 14 // कणयमयाहिं निचं नाणाविहगीयनाडयविहीहिं / सुरसरियाए पवाहे जह इन्दो देवदेवीहिं // 15 // तत्तो सवकजणणी पउमकुमारस्स मारणो| वाए / विसमिस्ससुरहिवासे कारइ गंधप्पिओ जेण // 16 // मज्झट्ठियवासपुडं मंजूसं सा खिवावइ नईए / उरि निय. | पुरिसेहिं दिट्ठा कुमारेण सा इन्ती // 17 // आगयामत्ता गहिया होही अत्थोत्ति इत्थ तुटेणं / उग्घाडियाए तीए दिट्ठो 309 // कलियाम्म सुख छमारे गंधाण विजियमारी कालोचियं कृणा CINEER %

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