Book Title: Jayanti Charitram
Author(s): Malayprabhsuri, Vijayakumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala

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Page 325
________________ जयन्ती प्रकरणइतिः / वीमज्झे / परिचया पाडवनं रायपुत्तेण ताइएहि एएण गरू // 312 // र बुद्धण तेणापासु तच्च प्रतिचिकीर्षन्तो दुःखं जीवन्ति मंत्रिणः // 19 // तो तेहिं रायपुत्तो वुत्तो किं कुमर! किजइ इयाणि ? / माणुसमंसे राज्यभ्रष्टोलुद्धो तुज्झ पिया रक्खसो जेण // 20 // मारावइ पइदियहं नयरीए माणुसाइ सो रूदो / ता अम्हाणंपि भयं संजायं दारूणं अरण्ये | इहि // 21 // तुज्झ पसाएणं चिय मोक्खो अम्हाण नन्नहा होइ / तो कुमर ! रजमेयं पडिवजसु अप्पणा चेव // 22 // वासुदेवेन देव ! तुम कम्मवसा माणुसभक्खित्ति रक्खसो जाओ / इह लिहियक्खरपत्तं वत्थऽञ्चलयम्मि बन्धेत्ता // 23 // पियरं च मारितः मजपाणपमत्तसुत्तं महाडवीमज्झे / परिचयसु नायतत्तो नागच्छह जेण नयरम्मि // 24 // एवं च कए तुह पयच्छायासु- सोदासनृपो हिणो वयं वसामो ति / मंतीहिं इमं भणियं पडिवनं रायपुत्त्रेण / / 25 // सिग्धं चिय कयमेवं रत्ने बुद्धेण तेण राएण / नरकं वत्थञ्चलंमि बद्धं दिटुं पत्वं तओ नायं // 26 // निवासिओम्मि पुत्ताइएहिं एएण गरूयदोसेण / तो इत्थेव ठिओऽहं पहिया गतः। इयं हणिस्सामि // 27 // तत्थ हियन्तं सोच्चा पञ्चासत्राणि कइवि द्वाणाणि / मरणभएणं मिलिउंठियाणि एगम्मि हाणम्मि // 28 // तम्मि समए जहित्थं हिण्डइ देसालियाए वसुदेवो / एगागी देवउले सुत्तो तत्तो य सोदासो // 29 // माणुसमंसे लुद्धो मत्तो भवियवयाए जुज्झन्तो / निहओ वसुदेवेणं छुरियागाढप्पहारेण / / 30 // तो पावभरकन्तो वच्चइ नरयंमि है एस सोदासो / एएण कारणेणं एवं जिन्भिन्दियं जिणह // 31 // जिह्वेन्द्रियविषये सोदासकथानकम् // तथा स्पर्शेन्द्रियमपि स्वविषयव्यासक्तिमादधानं धीरैर्दमनीयमेव / अदान्तं हि तदपराहादकस्पर्शश्रद्वया वात्ययेवोच्छलितरजःपटलकलुषं शुष्कपत्रमिवोद्ममयति मनः प्राणीनाम् / किञ्च-अस्मिन्नदान्ते सकामकामिनीप्रदत्तपाणिप्रहार 312 / / CCCCCCCCCI पण कवि द्वाणापण गरूयदोसेण

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