Book Title: Jambudweeplaghusangrahani
Author(s): Haribhadrasuri, Nandighoshvijay, Udaysuri
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 98
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org यन्त्रकम् - २ लंबत्व विशालत्व पृथुलत्व कर्णिका लंबव कर्णिका विशालत्व "" मूलकमल १ योजन 11 17 11 २ गाउ कर्णिका १ गाउ उच्चत्व भुवनदैर्ध्य "" 35 विस्तार १००० धनुः उच्चत्व १४४० धनुः "" पीठिका दैर्ध्य ५०० धनुः "" विस्तार ५०० धनुः पृथुलत्व २५० धनुः प्रथमवलय २ गाउ ,, 99 125 गाउ द्वितीयवलय १ गाउ १००० धनुः " ५०० धनुः ७२० धनुः २५० धनुः " १२५ धनुः 95 १००० धनुः "" 34 ५०० धनुः 19 २५० धनुः ३६० धनुः १२५ धनुः 19 ६२॥ धनुः तृतीयवलय १००० धनुः " धनुः ५०० धनुः "" " २५० धनुः 99 १२५ धनुः १८० धनुः ६२॥ धनुः "" ३१। धनुः चतुर्थवलय ५०० धनुः धनुः २५० धनुः "" "" इति हिमवन्नगपद्महूदस्वरूपम् ॥ 35 १२५ धनुः ६२॥ धनुः ९० धनुः ३१। धनुः " 17 १५ धनुः २ || हस्त पञ्चमंत्रलय २५० धनुः धनुः "" १२५ 19 "" 99 ६२॥ धनुः " ३१॥ धनुः ४५ धनुः १५ धनुः २|| हस्त 99 ७ धनुः ३। हस्त षष्ठवलय १२५ धनुः ,, धनुः ६२॥ धनुः " G w 66 " ३१। धनुः 19 १५धनुः ० || हस्त २२॥ धनुः ७ धनुः ३ । हस्त 19 ३ धनुः ३॥ हस्त ३ अंगुल

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