Book Title: Jainagama Nirdeshika Author(s): Kanhaiyalal Maharaj Publisher: Agam Anuyog Prakashan View full book textPage 6
________________ विज्ञप्ति पूर्व प्रकाशित सूचना के अनुसार अनुयोग शब्द - सूची इसी पुस्तक में देने की योजना थी किन्तु पृष्ठ संख्या अधिक हो जाने से 'अनुयोग शब्द सूची' एवं कतिपय परिशिष्ट पृथक् पुस्तिका के रूप में प्रकाशित करने की योजना है । यह पुस्तिका केवल जैनागम - निर्देशिका के ग्राहकों को ही देने का नियम है, अतः अन्य सज्जन केवल इस पुस्तिका के लिए आवेदन पत्र न भेजें । आगम अनुयोग - ग्रन्थराज का प्रकाशन कार्य चल रहा है, निकट भविष्य में इसका प्रथम विभाग चरणानुयोग स्वाध्याय के लिए उपलब्ध हो सकेगा । श्री शान्तिभाई वनमाली शेठ के उदारता पूर्ण सहयोग से यह विशालकाय पुस्तक इस रूप में इतने अल्प समय में आपके करकमलो में पहुँचा सके हैं, इसकेलिए हम उनके चिरकृतज्ञ हैं । Jain Education International For Private & Personal Use Only -मंत्री www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 998