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संवत १५६३ बर्षे माह बदि ११ दिने रवी श्री श्रीमाल ज्ञातीय सघु शाषायां । व्या केसब जाए नरमी सुत व्या वीका जाप संपू । नाग व्य० थासाकेन नार्या श्रमरादे जात व्य बाडप प्रमुख कुटुंब युतेन श्री वासुपूज्य चतुर्विशति पट कारितःप्र० श्री सूरिनिः श्री स्तम्न तीर्थे । कृतवपुर वास्तव्यः ॥ शुनं नवतु ।
(26] संवत १५७७ वर्षे धेशाख सुदि र सोमे मास ज्ञातीय सूराणा गोत्रे साझ शिवदास जिनदासकेन गृह गार्या नाई नारिंग सुत ना राजपाक्ष सहितेन मात्र नारिंग श्रेयोर्थ श्री
शुनाग विव श्री चतुर्विजाति जिन महिला कारापित प्रतिखित श्री धर्मपोप गले दिन दुदिले जायंट रिति
मुंबन माम सुतर --- --. .... -- -- -- --- गन्ने बटारक शुनकीनि उपदेसानासाना गोपल मोन संदार राजी सदव पुत्र संचरह राज जावी जीशी
॥ श्री शांतिनाथजी का मंदिर ॥ संवन १५१९ वर्षे पो सु० १५ शुक्रे उपकेश झातीय प. शिवा ना० प्रीमलदे सुन पा शामाकेन ना थासु प्रमुख कुंदन यतेन निज श्रेयसे श्री सुमतिनाथ विघं का प्र श्री ला मा नायक श्री श्री श्री रत्नशेखर सुरिभिः॥
[20} ॥ राय बुधसिंहजी बेड़िया का धरदेरासर ॥ संबत १५३६ वर्षे फागुण सुदि ५ दिने श्री उकेश अंश सेधि गोने श्रे सोधरेण जाय