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जैन विद्या 24
अनुमान में 'व्याधि-विशेष का सद्भाव' साध्य है और 'रोगरहित चेष्टा का अभाव ' हेतु । साध्य का विरोधी है 'व्याधि - विशेष की अनुपलब्धि', और उसका कार्य है 'रोगरहित चेष्टा' उस कार्य की अनुपलब्धि, अर्थात् साध्य से विरुद्ध पदार्थ के रूप 'रोगरहित चेष्टा ' का अभाव विरुद्धकार्यानुपलब्धि हेतु है।
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(2) विरुद्धकारणानुपलब्धि हेतु - साध्य से विरुद्ध पदार्थ के कारण की अनुपलब्धि ‘विरुद्धकारणानुपलब्धि हेतु' कहलाता है, जैसे- “इस प्राणी में दुःख है; क्योंकि इष्टसंयोग (=अभीष्ट पदार्थ का संयोग ) का अभाव है । इस अनुमान में 'दुःख' साध्य है और ‘इष्ट-संयोग का अभाव' हेतु । साध्यरूप दुःख का विरोधी 'सुख' है तथा इसका कारण इष्ट-संयोग है। उस इष्ट- संयोग रूप कारण की इस प्राणी में अनुपलब्धि है। अतः यह विरुद्धकारणानुपलब्धि हेतु है ।
(3) विरुद्धस्वभावानुपलब्धि हेतु - साध्य के विरुद्ध पदार्थ के स्वभाव का नहीं पाया जाना ‘विरुद्धस्वभावानुपलब्धि हेतु' कहलाता है, जैसे- “ वस्तु अनेकान्तात्मक है; क्योंकि एकान्तस्वरूप पाया नहीं जाता है" 36 । इस अनुमान में 'अनेकान्तात्मक' साध्य है और 'एकान्त स्वरूप का अभाव' हेतु । वस्तु के अनेकान्तात्मक रूप साध्य का विरोधी 'नित्यत्व' आदि एकान्तिक पदार्थ हैं और उनका स्वरूप एकान्तिक है । किन्तु एकान्तिक स्वरूप वास्तविक नहीं है । इसलिए उसका अभाव है । इस प्रकार साध्य के विरोधी पदार्थ, नित्यत्व आदि पदार्थ, के एकान्त स्वरूप अनुपलब्धि होने के कारण यह ‘विरुद्धस्वभावानुपलब्धि' हेतु है।
हेतु के उपर्युक्त भेदों को हम निम्नलिखित चार्ट के द्वारा दर्शा सकते हैं
हेतु
उपलब्धि हेतु
विरुद्धोपलब्धि
( प्रतिषेध - साधक )
अनुपलब्धि हेतु
अविरुद्धानुपलब्धि
( प्रतिषेध-साधक)
अविरुद्धोपलब्धि (विधि - साधक) 1. अविरुद्धव्याप्योपलब्धि 1. विरुद्धव्याप्योपलब्धि 1. अविरुद्धस्वभावानुपलब्धि 1. विरुद्धभावानुपलब्धि 2. अविरुद्धकार्योपलब्धि 2. विरुद्धकार्योपलब्धि 2. अविरुद्धव्यापकानुपलब्धि 2. विरुद्धकारणानुपलब्धि 3. अविरुद्धकारणोपलब्धि 3 विरुद्धकारणोपलब्धि 3. अविरुद्धकार्यानुपलब्धि 3 विरुद्धस्वभावानुपलब्धि
4. अविरुद्धपूर्वचरोपलब्धि 4. विरुद्धपूर्वचरोपलब्धि 4. अविरुद्धकारणानुपलब्धि
5. अविरुद्धोत्तरचरोपलब्धि 5. विरुद्धोत्तरचरोपलब्धि 5. अविरुद्धपूर्वचरानुपलब्धि
विरुद्धानुपलब्धि ( विधि - साधक )
6. अविरुद्धसहचरोपलब्धि 6. विरुद्धसहचरोपलब्धि 6. अविरुद्धउत्तरचरानुपलब्धि 7. अविरुद्धसहचरानुपलब्धि