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२-मण्डप वा मंढा विधिमण्डप वा मंढा बनाने वाले दिन, वर और कन्या दानों को अपने २ स्थान पर उपर्युक्त प्रकार से सिद्धयंत्र की स्थापना कर इष्टदेव की स्तुनि वन्दना पृष्ठ १ मे पृष्ठ ६ तक करनी चाहिये ।
३-घुड़चढ़ी की विधिघुड़चढ़ी वाले दिन, घुड़चढ़ी से पहिले, घर को उपयुक्त रीति से सिद्ध यन्त्र की स्थापना कर इष्टदेव की स्तुति और पूजा पृष्ट १ में पृष्ट : तक करनी चाहिये।
४-बटैरी की विधिबटैरी के पहुंचने पर उपर्युक्त रीति से मिद्ध-यंत्र की स्थापना कर इष्टदेव की स्तुति और पूजा पृष्ट र में पृष्ट ६ नक कर, तत्पश्चात् 'मंगलं भगवान् वीरो' आदि मंत्र पढ़कर वर के तिलक लगाये और उसे रुपया, आभूपण आदि भेट देन की रसम को किया जावे।
५-पाणिग्रहण विधानपाणिग्रहण के समय निम्न रीति से आठ प्रकार का विधान करना चाहिये।
१. पूजा विधान, २. मोड़ी बन्धन और पटका बन्धन, ३. शाखोच्चारण, ४. कन्यादान और पाणिग्रहण, ५. हवन, ६. मप्रपदि और गृहस्थ-धर्म का उपदेश, ७. फेरै व अग्नि की प्रदक्षिणा. और ८. शान्तिपाठ