Book Title: Jain Viaha Vidhi
Author(s): Sumerchand Jain
Publisher: Sumerchand Jain
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( ११ )
इस विधान के लिये बेटी वाले पक्ष को अपने स्थान में एक सुन्दर मण्डप बनाना चाहिये इसे स्तम्भों और फूलों मे मजाना चाहिये ।
इस सभा मण्डप के बीच में तीन कटनी वाजी वेदी बनानी चाहिये, या लकड़ी की बनी बनाई तीन कटनी वाली बंदी रखनी चाहिये। इस वेदी की प्रथम ऊपर की कटनी पर सिद्ध यंत्र, बीच की कटनी पर आर्प शास्त्र, और तीसरी नीचे की कटनी पर अष्ट मंगल द्रव्य की स्थापना करनी चाहिये ।
इस वेदी के आगे हवन के लिये चौकोर अग्नि कुण्ड ईंटों का बनाना चाहिये, या बना बनाया धातु का अग्निकुण्ड रखना चाहिये । इस कुण्ड के एक तरफ धर्मचक्र और दूसरी तरफ छत्र य रखने चाहियें ।
नोट - इस पूजा विधान के लिये जिन २ चीजों की जरूरत होती है, उनकी सूचीच. छ प्रष्ठों पर दी गई हैं।
१- पूजा विधान :
यह पूजा विधान मण्डप में बैठकर वर और कन्या दोनों को ही इकट्ठा करना चाहिये । इस विवान के समय वर का आसन बाई और, और कन्या का आसन दाई ओर होना चाहिये ।
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इस पूजा विधान के समय पूर्वोक्त रीति से पृष्ट १ से पृष्ट तक सिद्ध यन्त्र की स्थापनार्थ मन्त्र पढ़कर इष्टदेव की स्तुति और पूजा करनी चाहिये |
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