Book Title: Jain Ras Vimarsh
Author(s): Abhay Doshi, Diksha Savla, Sima Ramhiya
Publisher: Veer Tatva Prakashak Mandal

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Page 622
________________ उपसंहार - जीवन के शाश्वत मूल्यों को, संसार के अद्वितीय महान जीवों के जीवन को हमारे जैसे सामान्य मनुष्यों के सामने सरल भाषा में, मन को तल्लीन बना दे ऐसे संगीत में बांध कर प्रस्तुत करनेवाले पंडित प्रवर श्री पद्मविजयजी गणिवर एवं उनके समान अनेक रचनाकारों के हम - हमारा समाज सदा ऋणि रहेगा, जो माधुर्य का सर्जन करते हुए - ‘कांता सम्मिततयोउपदेशंयुज' की भाँति हमें उस अंतिम लक्ष्य की ओर - मुक्ति की ओर उन्मुख करने का श्रमसाध्य प्रयास करते है। शत शत प्रणाम है उन महामना कविवरों को...। रासो साहित्य के रचनाकारों को। संदर्भ ग्रन्थ १. त्रिषष्ठि शलाका पुरुष चरित्र आचार्यश्री हेमचंद्र सरिजी २. रास षट्क संग्रह आ. श्री विजय जिनेन्द्र सूरीश्वरजी ३. श्री श्रीपाल राजानो रास आ. श्री विजय जिनेन्द्र सूरीश्वरजी ४. सती राजमती आ. श्री जवाहरलालजी महाराज ५. प्रज्ञा संचयनः (दर्शन चिंतन) प्रज्ञाचक्षु डा. पं. सुखलालजी ६. मध्यकालीन गुजराती साहित्यनी जैन परंपरा कीर्तिदा शाह ७. जैन जगत के ज्योर्तिधर आचार्य श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री ८. श्री आनंदघन पद्य रत्नावली महायोगी आनंदघनजी ९. नित्यक्रम (श्रीमद् राजचंद्र आश्रम अगास) उपाध्याय यशोविजयजी १०. नेमराजुल कथागीत श्री शांतिलाल शाह ११. गिरनारजी सिद्धक्षेत्र केसेट कृति श्री नेमीश्वर रास +573

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